मंदसौर।कोरोना संक्रमण के चलते देश भर में लागू लॉकडाउन ने एक तरफ देश के आर्थिक और रोजगार व्यवस्था की कमर तोड़ दी है, तो वहीं दूसरी तरफ लगातार दो महीने से कर्फ्यू जैसे हालात की वजह से प्राकृतिक और पर्यावरण की परिस्थितियां भी काफी मुनासिब हो गई है. बंद की वजह से तमाम लोग अपने घरों में कैद हो गए है और वायु प्रदूषण सहित जल प्रदूषण की समस्या का अपने आप निदान हो गया है. देश के मालवा इलाके की जीवनदायिनी शिवना नदी भी लॉकडाउन के दौरान अब अपने आप साफ होकर गंगा जैसी पवित्र हो गई है. इसका पानी इन दिनों कांच की तरह साफ हो गया है और अब इसमें मछलियां भी पनप रही है.
दक्षिणी इलाके से निकली शिवना नदी मंदसौर और प्रतापगढ़ जिलों की जीवनदायी नदी है. करीब सवा सौ किलोमीटर लंबी इस नदी के दोनों किनारों पर 34 गांव बसे हुए हैं. मंदसौर के दक्षिणी छोर और पशुपतिनाथ मंदिर के किनारे बहने वाली इस नदी का इतना साफ पानी लोगों ने पहली बार देखा है.
लॉकडाउन की वजह से लोगों को घरों में बैठना पड़ा, जिसके चलते नदी प्रदूषण से मुक्त हो गई. इस नदी का पानी कांच की तरह साफ हो गया है. इसमें एक सिक्का भी डालते हैं, तो वह तलहटी में साफ नजर आता है.
पिछले 40 सालों से यह नदी लगातार प्रदूषण की शिकार रही. शहर वासियों ने इस में तरह-तरह के कचरे भी फेंके और दूसरी तरफ शासन-प्रशासन की अनदेखी से गंदी नालियों और फैक्टरी का गंदा पानी भी इसमें मिलता रहा. नतीजा यह रहा कि नदी के पानी में सल्फर और अम्लीय पदार्थों की मात्रा इतनी बढ़ गई कि इसमें हर साल जल कुंभी की चादर जमने लगी थी.