मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अनलॉक में पुख्ता इंतजाम के साथ खुला पशुपतिनाथ धाम, श्रद्धालु भी व्यवस्थाओं से खुश - pashupatinath temple mandsaur

अनलॉक के तहत जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतते हुए पुख्ता इंतजाम के साथ पशुपतिनाथ धाम के द्वार खोल दिए हैं.

pashupatinath-temple
पशुपतिनाथ धाम

By

Published : Jul 17, 2020, 1:30 PM IST

मंदसौर। देशभर में लंबे समय तक चले लॉकडाउन के बाद लोगों को राहत देने के लिए अनलॉक के तहत धीरे-धीरे लॉकडाउन के नियमों में ढील दी जा रही है. जिसके तहत लोगों की थमी जिंदगी एक बार पटरी पर वापस आ रही है. शासन के आदेश के बाद आर्थिक गतिविधियां एक बार फिर शुरू हो गई हैं. इसी बीच बीते करीब तीन महीनों से बंद सभी धार्मिक स्थलों के द्वार को भी प्रशासन ने खोल दिया है. इसी कड़ी में जिले का पशुपतिनाथ धाम भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है, जहां भक्तों के बीच कोरोना संक्रमण न फैले, इसके लिए मंदिर प्रबंधन और प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.

खुले पशुपतिनाथ धाम के द्वार


मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर पर लॉकडाउन के बाद 8 जून से दर्शन व्यवस्था शुरू कर दी गई है. जहां मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए पुख्ता इंतजाम किया है. जानें मंदिर परिसर में क्या-क्या किए गए हैं इंतजाम

  • लगवाए गए हैं वॉश बेसिन

मंदिर परिसर में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के हाथ धोने के लिए दो ऑटोमेटिक वॉश बेसिन लगाए गए हैं. बिना छुए पैरों से संचालित होने वाले इन वॉश बेसिन में लिक्विड साबुन और पानी के दो अलग-अलग नल लगे हैं. दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु सबसे पहले यहां हाथ-मुंह धोकर मेन गेट पर पहुंचते हैं.

  • मेन गेट पर हो रही थर्मल स्क्रीनिंग

मंदिर के मेन गेट को महिलाओं और पुरुषों के लिए दो हिस्सों में अलग-अलग बांट दिया गया है. मेन गेट पर ही तमाम श्रद्धालुओं की थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही उन्हें मंदिर में प्रेवश दिया जा रहा है.श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग के बाद उनके नाम और कॉन्टेक्ट नंबर की एंट्री की जा रही है. श्रद्धालुओं को मास्क पहनकर ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है.

  • सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए बनाए गए हैं गोले

मंदिर परिसर में आए श्रद्धालुओं के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए दो-दो मीटर के बीच में गोले बनाए गए हैं. साथ ही लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस गार्ड की व्यवस्था भी की गई है, जो लगातार इन लोगों पर निगरानी रखते हैं. दर्शनार्थियों की आपसी दूरी दो मीटर बनी रहे, इसलिए पुलिस इनकी निगरानी में तैनात है. सोमवार को छोड़कर हफ्ते के बाकी दिनों में श्रद्धालु पश्चिम द्वार पर पहुंचकर भी दर्शन कर रहे हैं. इस व्यवस्था में प्रशासन ने गेट के बाहर वाले प्रांगण में दो-दो मीटर दूर ऑयल पेंट से गोले बनाए हैं, जिनमें खड़े होकर श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं.

  • श्रद्धालु कर रहे दूर से दर्शन

श्रावण माह होने के कारण मंदिर परिसर में लगातार भक्तों का तांता लगा हुआ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात बरतते हुए गर्भ गृह के दर्शन 20 फीट दूरी से ही करवाए जा रहे हैं. प्रशासन ने महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइनों वाले जालियों के दो अलग-अलग रास्ते बनाए हैं, जिन से गुजर कर श्रद्धालु दक्षिण द्वार पर दर्शन कर रहे हैं. प्रत्येक दर्शनार्थी महज 30 सेकंड ही दर्शन कर सके ऐसी व्यवस्थाएं भी की गई हैं.

  • ऑटोमैटिक बज रही घंटी

कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मंदिर में घंटी बजाना और पूजा सामग्री चढ़ाने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है. लेकिन मंदिर की घंटी को सेंसर की एक मशीन से जोड़ा गया है, जिससे बिना छुए ही घंटी बजने से श्रद्धालु काफी खुश हैं. गर्भ गृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है, लिहाजा जलाभिषेक पर भी रोक लगाई गई है.

बता दें, मंदिर में चारों पहर की आरती और शृंगार व्यवस्थाएं पहले की तरह ही जारी है. दर्शन के लिए प्रशासन द्वारा की गई इस पुख्ता व्यवस्था से श्रद्धालु काफी खुश हैं. अनलॉक के बाद 8 जून के दिन पहली बार खुले कपाट में केवल 605 दर्शनार्थियों ने ही दर्शन किए थे, लेकिन अब यहां रोजाना दो से तीन हजार लोग दर्शन के लिए आ रहे हैं. हालांकि, हर साल श्रावण महीने में आने वाले श्रद्धालुओं की तुलना में यह आंकड़ा महज 10 प्रतिशत ही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details