मुसीबत में अफीमः किसान फसल को नष्ट करने के लिए दे रहे आवेदन
मंदसौर में अफीम की खेती के काश्तकार फसल को नष्ट करने के लिए आवेदन दे रहे है. काश्तकारों का कहना है कि फसल में आ रही बिमारियों के कारण अफीम की पैदावार ठीक नहीं होगी. कांग्रेस भी मुद्दे को भुनाने के लिए मैदान में उतर गई है. कांग्रेस ने ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि जल्द से जल्द किसानों की समस्या का हल किया जाए.
मुसीबत में अफीम
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Published : Mar 11, 2021, 7:20 PM IST
मंदसौर।मालवा के मंदसौर इलाके मे प्राकृतिक प्रकोप और रोगों की मार से अफिम कि फसल आहत हुई है. जिले में अफीम फसल प्रभावित होने से 444 किसानों ने नारकोटिक्स कार्यालय में नष्टीकरण के लिए आवेदन दिया है. इसमें विभागीय अमले ने कुछ किसानों की अफीम का नष्टीकरण करवा भी दिया है. ऐसे में किसानों पर पट्टे कटने का खतरा मंडरा रहा है. कई किसान खेतों पर चीरा लगाने में व्यस्त है, लेकिन कई किसान खाखरिया से लेकर सफेद-काली मस्सी रोगों से भी आहत है.
कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर सरकार से अफीम किसानों को राहत देने कि मांग कर रही है. जिसको लेकर विगत दिनों मंदसौर जिला कांग्रेस कमेटी ने नारकोटिक्स विभाग पहुंच कर वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.
444 किसानों ने दिया आवेदन
जिले में तीन अलग-अलग खंडों में 17 हजार 190 अफीम के पट्टेधारी किसान है. जिन्हें विभाग ने पट्टे जारी किए थे. इसमें से 444 ने तीनों खंडों में अफीम को नष्ट करने के लिए आवेदन दिया है. इसमें कुछ किसानों की जिन्होंने आंशिक में आवेदन दिया, उनके खेतों में हंकाई (फसल नष्ट) हो चुकी है. इस बार देरी से पट्टे के अलावा ओलावृष्टि, मावठे की बारिश और पाले के साथ खाखरिया रोग और सफेद-काली मस्सी रोग भी उत्पादन को प्रभावित कर रहा है. जो अफीम काश्तकारों की चिंता बढ़ा रहा है.
क्या है अफीम खंड की स्थिति
अफीम खंड
कुल लायसेंस
नष्टीकरण के लिए आवेदन
अफीम खंड-1
5950
185
अफीम खंड-2
6216
152
अफीम खंड-3
5004
107
कुल
17190
444
कांग्रेस ने केंद्रीय वित्तमंत्री से मांगी राहत
जिला कांग्रेस ने केंद्रीय वित्त मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. इसमें उन्होंने अफीम काश्तकारों के लिए राहत की मांग की है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष नवकृष्ण पाटील ने बताया कि पूरे संसदीय क्षेत्र में अफीम की फसल प्रभावित हुई है. वर्तमान सीजन में मंत्रालय की लायसेंस प्रक्रिया के साथ ही प्राकृतिक आपदा के कारण अफीम प्रभावित हुई है. अफीम के लिए लायसेंस भी इस बार देरी से दिए. इसी कारण अफीम फसल को लेकर जो वातावरण चाहिए वह नहीं मिला. इसी कारण पौधों से अफीम नहीं निकल पाया है. प्रतिकूल मौसम के कारण पौधों में खाखरिया, काली और सफेद मस्सी का रोग लग गया है. इससे बड़ी संख्या में किसान अफीम उखड़वा रहे है.
स्मार्ट फोन से मांग रहे जानकारी
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने यह भी कहा कि नारकोटिक्स विभाग किसानों से प्रतिदिन स्मार्टफोन के माध्यम से अफीम पैदावार की जानकारी ने रहा है. तकनीकि में शिक्षा और जागरुकता का अभाव है. ऐसे में प्रतिदिन किसान जानकारी देने में परेशानी महसूस कर रहे है. कई कारणों के चलते अफीम काश्तकार परेशान है. ऐसे में मार्फिन में कमी के साथ किसानों को राहत देने की मांग की है. फसल को रोटावेटर से नष्ट नहीं करने की मांग की. जिससे पोस्तादाना प्राप्त कर सके. पाटील ने जिला अफीम अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि समस्याओं का समाधान जल्द किया जाए नहीं तो आंदोलन किया जाएगा.