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New Year 2023 सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील, यहां घूमने की बेशुमार जगहें

नए साल के मौके पर (Gandhi Sagar Lake in Mandsaur) लोग छुट्टियां लेकर किसी अच्छी जगह पर इसका स्वागत करने की इच्छा रखते हैं. अगर आप भी ऐसा कुछ प्लान कर रहे हैं तो मंदसौर में बनी एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील एक बेहतर ऑप्शन है. इसके अलावा भी यहां घूमने की बेशुमार जगहें हैं.

mp tourist place Gandhi Sagar Lake
एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर

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Published : Dec 31, 2022, 6:48 PM IST

मंदसौर। नववर्ष के आगाज को लेकर पूरी दुनिया में जश्न का माहौल है. इस मौके पर लोग किसी पर्यटन स्थल पर जाकर नए साल का स्वागत करने का प्लान बनाते हैं. पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है. ऐसे में लोग अब नए नए पर्यटन स्थलों की भी तलाश कर रहे हैं. (Gandhi Sagar Lake in Mandsaur) जहां वे इस दिन को आनंद से मनाते हुए नववर्ष का स्वागत कर सकें. एमपी और राजस्थान के बॉर्डर पर मंदसौर में स्थित है एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधीसागर जो पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है.

एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील गांधी सागर

सैलानियों का आकर्षण बनी झील: मध्यप्रदेश के मंदसौर और नीमच के अलावा राजस्थान के कोटा और झालावाड़ जिलों की सरहद पर बनी गांधी सागर झील, एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है. करीब 65 वर्ग किलोमीटर एरिया में फैली झील के दोनों किनारों पर पर्यटन की दृष्टि से कई स्पॉट लोगों के घूमने फिरने के स्थानों में शुमार हैं.

झील के दोनों किनारों पर लोगों के घूमने फिरने के लिए अच्छे स्थान हैं

क्रूजर और मोटर बोर्ड का मजा: यहां एक तरफ झील में घूमने फिरने के लिए विभाग ने क्रूजर और मोटर बोर्ड की पर्याप्त व्यवस्था की है. वहीं दूसरी तरफ पर्यटकों के रुकने और खाने के लिए यहां हिंगलाज रिसोर्ट के अलावा कई छोटे-बड़े होटल भी मौजूद है. गांधी सागर झील से सटे अभ्यारण में वन्यजीवों के दृश्यों के अलावा यहां देश की सबसे बड़ी गिद्ध सेंचुरी भी मौजूद है.

गिद्ध सेंचुरी का नजारा पर्यटकों को खासा लुभाता है

आमतौर पर विलुप्त होने वाले यह पक्षी लोगों की पहुंच से काफी दूर हो गए हैं लेकिन यहां इनके स्वच्छंद विचरण का नजारा पर्यटकों को खासा लुभाता है.

पर्यटकों के लिए झील में क्रूजर और मोटर बोर्ड का मजा

दोनों तरफ पहाड़ियों से गिरी चंबल नदी पर बनाए गए गांधी सागर बांध के झील की रौनक इन ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से शाम के वक्त और मनोहारी हो जाता है.

नए साल की शुरुआत करें गांधी सागर झील से

बांध के दूसरे छोर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए खूबसूरत पार्क भी है. भारत माता की एक मूर्ति भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है.

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ये जगहें हैं खास: सेलिब्रिटी युवक-युवतियों के द्वारा यहां नववर्ष मनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. मंदसौर से करीब 145 किलोमीटर और कोटा से करीब 125 किलोमीटर दूर इस पर्यटन स्थल पर पहुंचने के लिए यहां सरपट अंतर राज्यी सड़कें मौजूद हैं. 2 दिन के टूर के हिसाब से सैलानियों के देखने के लिए यहां से महज 12 किलोमीटर दूर ऐतिहासिक हिंगलाजगढ़ का किला मौजूद है. 35 किलोमीटर दूर कवला का प्राचीन मंदिर और उससे सटी झील का किनारा भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. इस साल नए वर्ष का आगाज करने के लिए यदि आप यहां आने की सोच रहे हैं, तो पास के शहर भानपुरा की छतरियां और आदि मानव द्वारा निर्मित किए गए कप मार्क्स को भी देखना ना भूलें. शाम के वक्त नदी के किनारों से गांधी सागर की झील का नजारा निश्चित तौर पर आपके लिए एक अविस्मरणीय याद छोड़ता हुआ नजर आएगा.

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