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MP Seat Scan Malhargarh: तीन चुनाव से लगातार बीजेपी जीत रही मल्हारगढ़ सीट, पांसा पलटने कांग्रेस ने बनाई रणनीति

चुनावी साल में ईटीवी भारत आपको मध्यप्रदेश की एक-एक सीट का विश्लेषण लेकर आ रहा है. आज हम आपको बताएंगे मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ विधानसभा सीट के बारे में. यह सीट वर्तमान में बीजेपी के कब्जे में हैं. इसी सीट से विधायक जगदीश देवड़ा शिवराज सरकार में वित्त मंत्री हैं.

MP Seat Scan Malhargarh
एमपी सीट स्कैन मल्हारगढ़

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2023, 8:10 PM IST

मंदसौर।मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के जगदीश देवड़ा मौजूदा विधायक हैं, जो शिवराज सरकार में वित्त मंत्री भी हैं. मल्हारगढ़ का नाम मल्हारराव के नाम पर पड़ा, जो कभी मराठा साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. मंदसौर जिले की अर्थ व्यवस्था कृषि आधारित है. यह एक अच्छा कृषि क्षेत्र है और देश में इसकी पहचान अफीम उत्पादक जिले के लिए भी होती है. हालांकि पिछले सालों में मंदसौर जिले का मल्हारगढ़ किसानों के उग्र आंदोलन और पुलिस गोलीकांड के लिए भी चर्चा में रहा है.

मल्हारगढ़ सीट के मतदाता

बीजेपी फिर कर सकती है चेहरा रिपीट: मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. जगदीश देवड़ा इस वर्ग से बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं. तीन विधानसभा चुनाव से देवड़ा चुनाव जीतते आ रहे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के जगदीश देवड़ा ने कांग्रेस के परशुराम सिसौदिया को करीब 11872 हजार वोटों से हराया था. जगदीश देवड़ा इसके पहले 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीत चुके हैं. इस सीट पर सीधा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता आया है. हालांकि इस सीट पर बीजेपी की पकड़ मजबूत दिखाई देती है. जगदीश देवड़ा एक बार फिर इस सीट से चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. उधर कांग्रेस की तरफ से परशुराम सिसौदिया, श्यामलाल जोकचंद्र को मुख्य दावेदार माना जा रहा है. कांग्रेस ने मल्हारगढ़ विधानसभा सीट को अपनी उन 66 सीटों में शामिल किया है, जहां पार्टी लगातार हारती आई है. आगामी चुनाव में पांसा पलटने के लिए कांग्रेस जमीनी स्तर पर जमकर तैयारी कर रही है. कांग्रेस यहां से किसी नए चेहरे को भी मैदान में उतार सकती है.

मल्हारगढ़ सीट का रिपोर्ट कार्ड

कुछ और सीट स्कैन यहां पढ़ें...

साल 2018 का रिजल्ट

पाटीदार, राजपूत समाज निर्णायक:क्षेत्र की पहचान अफीम उत्पादक जिले की होने के बाद भी किसानों की लंबे समय से मांग रही है कि किसानों को इसका सही दाम नहीं मिल पाता. क्षेत्र में फूल प्रोसेसिंग यूनिट शुरू नहीं हो पाई. चंबल नदी से खेती के लिए पानी न मिलने को लेकर नाराजगी किसानों द्वारा जताई जाती रही है. गांधी सागर बांध के नजदीक होने के बाद भी किसानों को खेती के लिए भरपूत पानी नहीं मिलता. इस सीट पर पाटीदार, राजपूत समाज के मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2017 में हुए पिपलिया मंडी किसान गोली कांड से नाराज किसानों को साधने के लिए पिछले चुनाव में बीजेपी ने गुजरात से सांसद और केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री को मैदान में उतारा था.

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