MP Seat Scan Garoth: इस सीट पर पिछले दो चुनाव से बीजेपी का विधायक, 64 सालों से उठ रही जिला बनाने की मांग - एमपी सीट स्कैन गरोठ
मध्यप्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हैं. ऐसे में हम प्रदेश की विधानसभा सीट का विश्लेषण लेकर आ रहे हैं. आज बात मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा सीट की. आइए जानते हैं, कि इस सीट पर कैसे हैं राजनीतिक समीकरण.
मंदसौर।मध्यप्रदेश में आमतौर पर विधानसभा चुनाव के पहले नए जिलों का गठन कर स्थानीय जनता को साधा जाता है. मौजूदा विधानसभा चुनाव के पहले भी नागदा, मऊगंज का गठन किया गया है, लेकिन प्रदेश की एक विधानसभा ऐसी है, जहां पिछले करीबन 64 सालों से जिला बनाने की मांग हर चुनाव में उठती है. यह विधानसभा प्रदेश के मंदसौर जिले की गरोठ विधानसभा सीट है. इस बार भी इस सीट पर नए जिले की मांग उठ रही है. मालवांचल क्षेत्र की यह चर्चित विधानसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर कभी बीजेपी तो कई कांग्रेस का कब्जा रहा. हालांकि, जीत-हार की वजह कभी निर्दलीय बने, तो कभी तीसरा मोर्चा बना है.
गरोठ में कितने मतदाता?: गरोठ विधानसभा में कुल मतदाता 2 लाख 44 हजार 516 मतदाता हैं. इसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार 111 है, जबकि महिला मतदाता 1 लाख 19 हजार 403 हैं.
गरोठ विधानसभा में कुल कितने मतदाता
बगावत के चलते गंवाई थी सीट: गरोठ विधानसभा सीट 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने अंदरूनी कलह की वजह से गवां दी थी. कांग्रेस ने यहां अधिकृत उम्मीदवार के रूप में सुभाष सोजतिया को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन टिकट की दावेदारी कर रहे तूफान सिंह को पार्टी आखिर तक नहीं मना सकी. तूफान सिंह बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे. नतीजतन कांग्रेस को वोटों का नुकसान उठाना पड़ा और बीजेपी उम्मीदवार देवीलाल धाकड़ चुनाव में जीत गए. हालांकि, जीत-हार का अंतर महज 2108 वोटों का ही रहा.
मध्यप्रदेश की गरोठ विधानसभा 2018 चुनाव
कांग्रेस ने इस बार इस सीट पर खासी तैयारी की है. वैसे इस सीट पर मतदाता हर चुनाव में किसी एक पार्टी के उम्मीदवार पर भरोसा नहीं जताते, इसलिए इस सीट पर कभी बीजेपी उम्मीदवार जीतते रहे, तो कभी कांग्रेस उम्मीदवार. पिछले 5 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 2 बार कांग्रेस के सुभाष कुमार सोजतिया जीते तो तीन बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है. हालांकि एक बार फिर वे टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं. कमलनाथ की सभा में वे टिकट को लेकर शक्ति प्रदर्शन भी कर चुके हैं. हालांकि, वे बेटी टोनू के लिए भी टिकट मांग रहे हैं. उधर कांग्रेस के युवा नेता दुर्गेष पटेल भी टिकट के तगड़े दावेदार हैं उधर बीजेपी की तरफ से मौजूदा विधायक देवी लाल धाकड़ के अलावा मुकेश काला, चंदर सिंह सिसौदिया भी दावेदारी कर रहे हैं.
हर चुनाव में उठती है जिला बनाने की मांग:गरोठ विधानसभा चुनाव में हर बार गरोठ का जिला बनाने की मांग उठती आई है. हालांकि, राज्य सरकार ने गरोठ विधानसभा में गांधी सागर और बोलिया ग्राम पंचायत को नगर परिषद बनाकर थोड़ी राहत दी है. इससे लोगों को इसे जिला बनाए जाने की आस भी जागी है. क्षेत्र में सड़कों, पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को लेकर स्थानीय स्तर पर नाराजगी सामने आती रही है. आगामी विधानसभा चुनाव में इसको लेकर भी मुद्दा बनेगा. हालांकि, पिछले दिनों सीएम ने गरोठ और भानपुरा में 100-100 बिस्तरों का हॉस्पिटल बनाने का ऐलान किया है, लेकिन कांग्रेस इसे सिर्फ चुनावी ऐलान बताने में जुटी है.
मध्यप्रदेश की गरोठ विधानसभा पर पिछले तीन चुनाव
पिछले तीन बार के चुनाव परिणाम:अगर पिछले तीन चुनावों की बात की जाए, तो यहां साल में बीजेपी के देवीलाल धाकड़ चुनाव जीते. उन्हें कुल 75,946 मतदान मिले. इधर कांग्रेस के सुभाष कुमार सोजतिया को 73,838 वोट मिले. जीत का अंतर 2108 वोटों का रहा था. साल 2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राजेश यादव को 87,392 वोट मिले. इधर, कांग्रेस के सुभाष कुमार सोजातिया को 62,182 वोट मिले. जीत का अंतर 2108 का रहा था. साल 2008 में इस सीट पर कांग्रेस के सुभाष कुमार सोजातिया को जीत दर्ज मिली थी. तब दूसरे नंबर पर बीजेपी के राजेश यादव रहे थे. उन्हें 50,117 वोट मिले थे. जीत का अंतर 18008 वोट मिले थे.