मंदसौर। एक जिला एक उत्पाद में जिले को लहसुन के लिए चयनित करने के बाद यहां की कृषि उपज मंडी अब इंटरनेशनल नक्शे पर पहचानी जाने लगी है. रोजाना 30- 40 हजार बोरी बिक्री करने वाली मंडी में इन दिनों केवल 7 से 8 हजार बोरी की बिक्री हो पा रही है. वहीं, इसके कारण किसानों को अपनी बारी के लिए 4 से 5 दिनों को गेट के बाहर लाइन में लगकर इंतजार करना पड़ रहा है. व्यापारियों की मनमानी के चलते सोमवार की दोपहर को किसानों ने मंडी प्रशासन के कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी की. वहीं, अव्यवस्थाओं के मामले में प्रशासन का कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.
Mandsaur: कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाएं, किसानों ने मंडी प्रशासन के कार्यालय का किया घेराव - Madhya Pradesh News In Hindi
कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम है. इसके कारण किसानों को अपने माल को बेचने के लिए 4 से 5 दिनों तक इंतजार करना पड़ रहा है. इससे परेशान होकर किसानों ने मंडी प्रशासन कार्यालय का घेराव किया और नारेबाजी की.
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मंडी में एक चौथाई लहसुन की नहीं हुई बिक्रीः बता दें कि इस बार मंडी में प्रशासन और व्यापारियों की हठधर्मिता के कारण एक चौथाई लहसुन की भी बिक्री नहीं हो पा रही है. वहीं, भीषण गर्मी का हवाला देकर व्यापारी खुले मैदानों में माल की बिक्री नहीं कर रहे हैं. उधर, शेड की कमी होने की वजह से प्रशासन किसानों को अंदर आने से मना कर रहा है. इसके कारण कई दिनों तक लंबी लाइन में लगे रहना पड़ रहा है.
विधायक ने SDM को दिए व्यवस्था करने के निर्देशःवहीं, मंडी प्रशासन के सचिव पर्वत सिंह सिसोदिया सोमवार सुबह से ही मंडी से नदारद नजर आए. बाद में किसानों ने इस मामले की शिकायत क्षेत्र के विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया को की. उन्होंने एसडीएम को तत्काल व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए. गौरतलब है कि एक उत्पाद एक जिला योजना में मंदसौर जिले को लहसुन के लिए राज्य शासन ने चयनित किया है. इसलिए यहां की मंडी में भी अब माल की बिक्री के लिए देश के कई हिस्सों से किसान पहुंच रहे हैं.
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