मंदसौर। बहुचर्चित गेहूं घोटाले के मामले में मंदसौर की स्पेशल कोर्ट ने 11 लोगों को कड़ी सजा सुनाई है. 21 साल बाद आए इस फैसले में सरकारी उचित मूल्य का वितरण किया जाने वाले अनाज को खुले बाजार में बेचने वाले, शासकीय विक्रय समिति के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित 11 लोगों को सजा सुनाई गई है. इस मामले में कई महिलाएं भी शामिल हैं. फैसला आने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया है. Mandsaur wheat scam Verdict
इनको मिली सजा :स्पेशल कोर्ट के विशेष न्यायाधीश किशोर कुमार गेहलोत की कोर्ट ने लंबी जिरह के बाद सोमवार देर शाम को गेहूं घोटाले में फैसला सुनाया. तत्कालीन अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह गौतम, मेहमूद तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी थोक उपभोक्ता भंडार, रामचन्द्र, नजमा पति लियाकत हुसैन, शीला देवी पति रविन्द्र शर्मा, रमादेवी पति महेन्द्रसिंह राठौर, राखी पति धर्मेन्द्र सिंह राठौड, मालती देवी पति गोपाल सोनी, योगेश देवी पति राजेन्द्रसिंह, हेमा पति हेमंत कुमार हिंगड, हेमंत पिता मिश्रीलाल हिंगड को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों को वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री गेहूं आदि को चोरी छुपे खुले बाजार में बेचने का दोषी पाया. Mandsaur wheat scam Verdict