मंदसौर।उद्यानिकी विभाग में पदस्थ अधिकारियों द्वारा देश की कई निजी कंपनियों से सांठगांठ कर कृषि उपकरणों में सब्सिडी के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया है. इस मामले में शिकायतकर्ता मुकेश पाटीदार निवासी दलौदा जिला मंदसौर द्वारा लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन में शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था. जिसमें उद्यानिकी विभाग मंदसौर में पदस्थ उप संचालक मनीष चौहान एवं अन्य के द्वारा जिले में संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, यंत्रीकरण योजना तथा संरक्षित खेती योजना में नियमों के विपरीत कार्य कर भ्रष्टाचार करने के संबंध में शिकायत की गई थी. (Mandsaur agricultural equipment Subsidy scam) (Mandsaur Subsidy scam) (Lokayukta filed case against 15 officers) (Mandsaur Horticulture Department)
जांच में मिली अनियमितताएं:विभाग के अनिल विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक विपुरथा, लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन संभाग उज्जैन के निर्देशन में उक्त शिकायत के संबंध में विस्तृत जांच कराई. शिकायत की जांच के दौरान पाया गया कि, विभाग में संचालित योजनायें यथा राज्य योजनायें एकीकृत बागवानी मिशन योजना (MIDH) यंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY). राष्ट्रीय औषधी निशन (NMMP) का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई है. जांच के दौरान पाया गया कि विभाग में संचालित योजनाएं एकीकृत बागवानी मिशन योजनायंत्रीकरण, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना राष्ट्रीय कृषि विकास योजना राष्ट्रीय औषधी मिशन का क्रियान्वयन किया जाना था. जिनमें कई अनियमितताएं पाई गई। जांच में वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में मंदसौर जिले को कुल 309.4 लाख रूपए स्वीकृत किए गए थे. उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने राज्य पोषित योजना अंतर्गत कृषि यंत्रों में मिलने वाली सब्सिडी में गड़बड़ी करते हुए कुछ फर्मो के साथ मिलकर घोटाला किया था.
शासन के नियमों की अवहेलना:राज्य पोषित योजना अंतर्गत यंत्रीकरण में वर्ष 2017-18 में मंदसौर जिले को 14.05 लाख रूपये तथा 2018-19 में 22.76 लाख रुपये बजट आवंटित किया गया ।केन्द्र पोषित योजना (MIDH) उप संचालक मंदसौर द्वारा राज्य शासन के नियमों की अवहेलना करते हुए यंत्र प्रदाता कंपनियों से षडयंत्र कर अनुदान की राशि को सीधे यंत्र प्रदाता कंपनी के बैंक खाते में अंतरित किया गया ।हितग्राहियों का चयन भी मनमाने तरीके से किया गया तथा एक ही परिवार के एक से अधिक सदस्यों को यंत्र प्रदाय किये गये यंत्रों का क्रय एमपी स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉ.लि. एवं प्रतिष्ठित निर्माता कंपनियों से नहीं किया गया.