मंदसौर।जिले के गरोठ उपखंड में प्रसिद्ध धर्मराजेश्वर मंदिर में शनिवार को महाशिवरात्रि मेला लगेगा. ग्राम पंचायत चंदवासा में मेले का आयोजन प्रतिवर्ष होता है. आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में मेले का आयोजन होता है. गरोठ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रविंद्र परमार ने बताया कि रास्ते पर विभिन्न बेरीकेट्स लगाए गए. सीसीटीवी से निगरानी होगी. पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. इमरजेंसी के लिए नगर गरोठ में डॉक्टरों का प्रशिक्षण चल रहा है. लाखों श्रद्धालुओं के शिवरात्रि मेले में आने की संभावना है. शनिवार को धर्मराजेश्वर मंदिर का अद्भुत श्रृंगार किया जाएगा तथा पंचामृत से भगवान को स्नान करवाया जाएगा.
मंदिर के अंदर कई मंदिर :चंदन गिरी की चट्टान पर एक ही चट्टान से निर्मित आधुनिक इंजीनियरिंग को चुनौती देता हुआ निर्मित धर्मराजेश्वर मंदिर है. यह मंदिर जमीन के अंदर है. इसके बाद भी सूर्य की पहली किरण भगवान शिव के दर्शन करती है. धर्मराजेश्वर मंदिर का निर्माण लगभग सातवीं शताब्दी में हुआ था. आधुनिक इंजीनियरिंग को चुनौती देता हुआ इसका निर्माण ऊपर से नीचे की ओर बना हुआ है. इस विशालकाय धर्मराजेश्वर मंदिर परिसर में सात छोटे मंदिर तथा एक बड़ा मंदिर के साथ ही 200 छोटी बड़ी गुफाओं का निर्माण भी उसी समय किया गया था.
जमीन से 9 मीटर गहराई पर मंदिर :9 मीटर की गहराई में बनाया गया मंदिर विभिन्न धार्मिक कलाकृति से सुसज्जित है. इस मंदिर की तुलना अजंता एलोरा की गुफाओं व कैलाश मंदिर से की जाती है. यह मंदिर एकात्मक शैली से बना हुआ है. यहां भीम बाजार भी बना हुआ है, जिसे लोग यहां ओरिया बाजार के नाम से जानते हैं, जो आज की आधुनिक इंजीनियरिंग को चुनौती देता प्रतीत होता है. 9 मीटर की गहराई में धर्मराजेश्वर मंदिर बना हुआ है, लेकिन सूर्य की पहली किरण भगवान शिव के मंदिर में गिरती है, ऐसा प्रतीत होता है मानो भास्कर भगवान स्वयं शिव का अभिषेक करने आते हैं.