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पाड़लिया मारु गांव की बदल गई तस्वीर, ग्रामीणों की मेहनत की बदौलत जीता नेशनल अवार्ड - दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार

राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करने वाली ग्राम पंचायतों में मंदसौर जिले की ग्राम पंचायत पाड़लिया मारू भी शामिल है. केंद्र सरकार द्वारा राजस्व आय में बढोतरी, प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और सामाजिक विकास के क्षेत्र में किये गये कार्यों के लिये पाड़लिया मारू को इस अवार्ड से नवाजा गया है, जिसके बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है. जानिए कैसे पाड़लिया मारू इस अवार्ड को अपने नाम कर पाया है, पढ़िए पूरी खबर...

Padaliya Maru Village
पाड़लिया मारु गांव

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Published : Aug 14, 2020, 2:18 PM IST

मंदसौर। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पंचायतों के राष्ट्रीय अवार्ड घोषित कर दिए गए हैं. मध्यप्रदेश की 15 पंचायतों को यह अवार्ड मिला है. इन पंचायतों में जिला पंचायत नीमच, मंदसौर और रतलाम सहित प्रदेश की 15 ग्राम पंचायतों को पुरस्कार मिला है. पंचायतों द्वारा सेवाओं के बेहतर प्रदाय पर दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार दिया गया है. मंदसौर जिले की ग्राम पंचायत पाड़लिया मारू को भी सातवें स्थान पर चुना गया है. पंचायत ने इस अवार्ड को कड़ी मेहनत के दम पर हासिल किया है और अवार्ड मिलने के बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है.

पाड़लिया मारु गांव की बदल गई तस्वीर

मंदसौर जनपद पंचायत का गांव पाड़लिया मारू जिला मुख्यालय से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित है. तुमबढ़ नदी के दोनों किनारों पर बसे इस गांव की आबादी केवल 2322 लोगों की है. 5 साल पहले हुए पंचायत चुनाव में गांव के युवा नेता बसंती लाल पाटीदार सरपंच चुने गए थे. उन्होंने उसी समय गांव के लोगों से इस ग्राम पंचायत को राष्ट्रीय स्थान पर अवार्ड दिलाने का जनता से वादा किया था. इसके बाद गांव के सरपंच बसंती लाल पाटीदार और ग्राम सचिव ईश्वर लाल राठौर ने ग्रामीणों की मदद से गांव में विकास काम शुरू कर दिए .

सरपंच की सोच से बदली तस्वीर

सरपंच ने सबसे पहले तुमबढ़ नदी पर स्टॉप डेम बनवाएं और योग से अच्छी बरसात होने से शुरू साल ही गांव में सिंचाई का भरपूर पानी मिलने से बंपर फसलें पैदा हुईं. इसके बाद ग्राम के तमाम लोगों ने पंचायत को जनभागीदारी में सहयोग करते हुए एक पेयजल टंकी बनवाई, जिससे गांव में लोगों की पेयजल समस्या का निदान हुआ. इसके बाद जब शासकीय योजनाओं में विकास काम शुरू हुए तो प्रशासनिक अधिकारियों ने भी सहयोग करते हुए यहां प्राथमिक शाला भवन और सामुदायिक भवन की सौगातें दी. 3 साल में ही 11 सौगाते मिलने से गांव की तस्वीर बदल गई.

पाड़लिया मारु गांव का स्कूल

अब सुविधाओं से भरपूर है गांव

5 साल पूरे होने के बाद अब गांव में जल संवर्धन, पौधारोपण, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक शाला भवन और पेयजल टंकी जैसी तमाम प्राथमिक सुविधाएं हो गई हैं. इतनी जल्दी इस गांव के लोगों द्वारा जनभागीदारी योजनाओं में इन सौगातों को हासिल करने के बाद केंद्रीय दल ने यहां का दौरा किया. इसी दौरान इस पंचायत को अवार्ड के लिए चुना गया. जिसके गांव के लोगों में और जनप्रतिनिधियों में खुशी का माहौल है.

जिला पंचायत CEO ने दिया ये आश्वासन

ग्राम पालिया मारू की पंचायत द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्य के मामले में प्रशासनिक अधिकारी भी काफी खुश हैं. जिला पंचायत के सीईओ ऋषव गुप्ता ने बताया कि छोटे से गांव के लोगों ने जनभागीदारी में भी काफी सहयोग किया है और इसी वजह से वहां जल संवर्धन और पेयजल टंकी जैसी योजनाओं को पूरा किया जा चुका है. हालांकि पिछले साल नदी में आई बाढ़ से यहां एक सामुदायिक भवन और श्मशान घाट जैसी सौगातें बाढ़ में बह गईं, लेकिन सीईओ ने 14वें वित्त के मदद से जल्द ही इन्हें दोबारा बनाने का आश्वासन दिया है. उन्होंने नेशनल अवार्ड जीतने के मामले में ग्रामीणों को भी बधाई भी दी है.

पाड़लिया मारु गांव की बदल गई तस्वीर

ग्रामीणों ने महज 22 दिनों में बना दिया था बांध

जनपद पंचायत मंदसौर की सीमा क्षेत्र का आखिरी गांव पाडलिया मारु कई सालों से विकास के नाम को तरस रहा था, लेकिन 20 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर अनुराग जैन की मौजूदगी में गांव के लोगों ने यहां जनभागीदारी की पहली मिसाल देते हुए तुमबढ़ नदी पर एक बांध बनवाने का काम किया था. महज 22 दिनों में बांध बनाकर प्रशासन के सामने एक अच्छा उदाहरण पेश करने के बाद अधिकारियों ने इस गांव की तरफ हाथ बढ़ाया और वहीं से विकास की बागडोर शुरू हुई. यही वजह है कि जनभागीदारी के दम पर इस गांव के लोगों ने आज राष्ट्रीय अवार्ड हासिल कर लिया है.

गांव में मौजूद पानी की टंकी

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