मंदसौर। प्रदेश के मालवा इलाके में किसानों पर एक बार फिर परेशानी का बोझ आ गया है. जिले में किसानों की प्याज की फसल जलेबी रोग की चपेट में आ गई है, जिस कारण एक बार फिर किसानों की फसल चौपट हो गई और उन्हें काफी नुकसान हो गया.
इलाके में हुई अल्प वर्षा के कारण इस बार जलेबी रोग ने खेतों में खड़ी प्याज की फसल को अपनी चपेट में ले लिया है. अब हालात ये हैं कि मंदसौर जिले में खड़ी प्याज की 80 फीसदी फसल पूरी तरह चौपट हो गई है. इस रोग से किसानों को अब फसल निकालने के बजाय लागत मूल्य भी नसीब होता नजर नहीं आ रहा है.
फैल रहा फफूंदी रोग
काला सोना की उपज देने वाली मंदसौर जिले की जमीन अब तरह-तरह के रोगों से घिरती नजर आ रही है. यहां लहसुन और अफीम में फफूंदी रोग के अलावा अब प्याज की फसलों में भी फफूंदी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं. जिले में इस साल हुई अल्प वर्षा के कारण यहां कई दिनों तक बारिश की खेंच रही और किसानों के खेतों में खड़े खरीफ सीजन के प्याज की फसल जलेबी रोग की शिकार हो गई है.
जलेबी रोग में प्याज के पौधों के पत्ते मुड़कर जलेबी के आकार के हो जाते हैं और सप्ताह भर के अंदर पौधा सूख कर खत्म हो जाता है. ये रोग जिले में इतनी तेजी से फैला है कि दो सप्ताह में ही जिले में खड़ी प्याज की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है.
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प्याज की फसल में जलेबी रोग से कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी चिंता में है. उन्होंने बताया कि फसल में इन दिनों जमीन कंद के नीचे जड़ों में फफूंद और पत्तों पर थ्रिप्स नाम का कीट हमला कर रहे हैं. इस वजह से पौधों पर दोहरी मार पड़ रही है. मौसम के अनुकूलता के कारण यहां जलेबी रोग तेजी से फैल रहा है. कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को कीटनाशक छिड़काव के साथ ही जमीन में फफूंदी दवाइयों का घोल बनाकर सिंचाई करने की भी सलाह दी है.