मंदसौर। शहर के जिला चिकित्सालय में मरीजों के बेहतर इलाज के लिए बनाया जा रहा ट्रामा सेंटर का काम अधूरा पड़ा है. जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ता है. दो साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस ट्रामा सेंटर के निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी, लेकिन इतना समय बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते ये काम अधूरा पड़ा है.
दो साल बाद भी धूल फांक रहा ट्रामा सेंटर का निर्माण, मरीज हो रहे परेशान - मंदसौर ट्रामा सेंटर
मंदसौर के जिला अस्पताल में दो साल पहले शिवराज सरकार द्वारा दी गई ट्रामा सेंटर की सौगात आज भी धूल फांक रही है क्योंकि दो साल बाद भी ट्रामा सेंटर का काम पूरा नहीं हो सका है. जिससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मंदसौर के 500 बेड वाले जिला अस्पताल में 62 डॉक्टरों की पोस्टिंग को मंजूरी मिली है, फिलहाल यहां केवल 24 डॉक्टर ही मरीजों का उपचार कर रहे हैं. इस अस्पताल में मरीजों की संख्या ज्यादा होने और उपचार की सुविधाएं पर्याप्त नहीं होने से यहां पदस्थ डॉक्टर भी कुछ ही महीनों बाद नौकरी छोड़ देते हैं. अस्पताल में बेहतर सुविधाओं के लिए करीब दो करोड़ की लागत से सभी व्यवस्थाएं की जानी थी, लेकिन विधानसभा और लोकसभा की चुनावी प्रक्रियाओं के चलते स्वास्थ्य विभाग ने इस स्कीम के फंड को समय पर रिलीज नहीं किया. जिससे ये पूरा काम अधूरा पड़ा है.
इस मामले में बीजेपी नेता जहां प्रदेश की कमलनाथ सरकार को घेरते नजर आते हैं. वे कहते हैं कि बीजेपी की सरकार ने तो अस्पताल में बेहतर सुविधाओं के लिए ट्रामा सेंटर की सौगात दी थी. प्रदेश की कमलनाथ सरकार यहां विकास के लिए कोई काम ही नहीं कर रही है. जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. अस्पताल के सिविल सर्जन एके मिश्रा कहते हैं कि फंड की कमी के चलते ट्रामा सेंटर का काम तय समय में पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने चंदा इकट्ठा करके कुछ काम करवाया है, लेकिन उससे निर्माण का पूरा काम नहीं हो सकता. जिससे यही कहा जा सकता है कि प्रशासन और सरकार द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने से मंदसौर के इस ट्रामा सेंटर अस्पताल का काम लापरवाहियों की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है.