मंदसौर।सरकारी रिकार्ड के अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत जिले की सभी तहसीलों के 930 आबादी वाले गांवों में हजारों शौचालय बनवाए गए हैं. लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर कई बस्तियों के लोगों से मुलाकात कर हकीकत का जायजा लिया तो प्रशासनिक दावों की तमाम पोल खुल गई.
सरकारी रिकार्ड में बन गए 'हर घर शौचालय', ईटीवी भारत को जमीन पर मिली अलग सच्चाई
मंदसौर में सरकारी रिकार्ड में तो गांवों के हर घर में शौचालय बन गए हैं. लेकिन ईटीवी भारत ने जब गांव में जाकर सच्चाई पता की तो वह सरकारी दावों से अलग निकली.
ईटीवी भारत की टीम जब मंदसौर तहसील के गुलियाना गांव में पहुंची तो वहां के लोगों ने शौचालय संबंधी समस्या की बात करते हुए इस मिशन में जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के लापरवाह रवैये का पोल खुलकर रख दिया. इस गांव की आबादी महज 2230 है. यहां के 663 मकानों में से अभी भी कई लोगों के घरों में शौचालय नहीं है. इन हालातों में लोगों को शौच के लिए जंगलों और खेतों का रुख करना पड़ता है.
सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं और बच्चों को होती है. लोगों ने ग्राम पंचायत के पंचों, सरपंचों और सचिवों के अलावा जनपद के अधिकारियों के लापरवाह रवैये को इसका दोषी बताया है. महिलाओं का कहना है कि शौच के लिए उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खेतों पर जाने में एक डर भी सताता रहता है. लोगों ने जल्द ही इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.