मंदसौर।एक जिला एक उत्पादन, लोकल फॉर वोकल के तहत अब जिले की लहसुन देश और विदेश में पहचान बनाने जा रही है. मंदसौर की सिल्वर गार्लिक जिले के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ उनकी किस्मत भी चमकाने वाली है. ब्रांडिंग की तैयारी पूरी कर ली है. लहसुन पर आधारित उद्योग अब जल्द जिले की और रुख करेंगे. विभाग का दावा है कि आने वाले तीन माह में इसके परिणाम सामने आने लगेंगे.
इन क्वालिटी की लहसुन का होता है अधिक उत्पादन
जिले में ऊटी लहसुन, जी-2, अमरेटा, देशी, महादेव, रियावन, तुलसी से लेकर देशी लहसुन का अधिक उत्पादन होता है. सबसे अधिक ऊटी की लहसुन अच्छी मानी जाती है. काली मिट्टी में लहसुन की पैदावार अधिक होती है और जिले में काली मिट्टी अधिक है, इसीलिए यहां वातावरण लहसुन के अनुकूल है. सभी बिन्दुओं का अध्ययन करने के बाद लहसुन का चयन इसके लिए किया है और अब ब्रांडिंग की जा रही है. लगभग 7 से 15 दिवस के अंतराल में क्यारियों की सिंचाई अनिवार्य होती है. फरवरी माह में इसे निकाल लिया जाता है. यानी वर्तमान में इसके निकालने का काम अंतिम समय में चल रहा है.