मंदसौर। बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व सीएम शिवराज मंदसौर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं. बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 12 सूत्री मांगों को लेकर शिवराज दोपहर से ही मैदान में डटे रहे. शिवराज मंदसौर और नीमच जिलों के बाढ़ पीड़ित किसानों को आर्थिक मदद दिए जाने की मांग कर रहे हैं, उन्होंने सरकार को रविवार की दोपहर तक का वक्त दिया है. शिवराज ने कहा कि अगर इसके बावजूद भी बाढ़ पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं हुई, तो वे सड़क पर उतर कर बड़ा आंदोलन करेंगे.
बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजे देने की मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सीएम शिवराज
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर और नीमच के बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार पर किसानों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो बीजेपी सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक हफ्ते के बाद भी सरकार ने पीड़ितों की कोई सुनवाई नहीं की, जिस वहज से वे आज मंदसौर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने एक- एक व्यक्ति की समस्याओं को सुना. उन्होंने कहा कि रात भर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर रात्रि जागरण करेंगे. शिवराज सिंह ने कहा कि मंदसौर और नीमच दोनों ही जिलों में बाढ़ पीड़ितों की तत्काल मदद के लिए सरकार को 50 किलो राशन, केरोसिन और 25 हजार रुपये की मदद करनी चाहिए.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रशासन और प्रदेश सरकार पर पीड़ितों की अभी तक सुनवाई नहीं करने का भी आरोप लगाया है. वहीं मुख्यमंत्री द्वारा जबलपुर में दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कमलनाथ झूठ बोलते हैं. उनकी सरकार ने 2 लाख 45000 करोड़ का बजट पेश किया है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए केंद्र से सहयोग मांग रहे हैं. उन्होंने इसे राजनीतिक बयानबाजी बताया है.