मंदसौर। कोरोना काल में इस साल किसानों को अपने अफीम लाइसेंस की चिंता अभी से सताने लगी है. सेंट्रल नारकोटिक्स विभाग ने किसानों से एकत्र किए जाने वाली अफीम की तोल एक महीने देरी से शुरू की थी. भीषण गर्मी के कारण कई किसानों की अफीम घरों में पड़े-पड़े ही सूख गई और वे विभाग को निर्धारित समय में अफीम की तौल नहीं करवा पाए थे. ऐसे में मंदसौर, रतलाम और नीमच जिले के किसान लगातार केंद्र सरकार से इस बार औसत में छूट दिए जाने की मांग कर रहे हैं. किसानों की तरफ से लगातार उठ रही मांग को देखते हुए स्थानीय सांसद सुधीर गुप्ता ने इस मसले को अब जल्द ही सरकार के सामने रखने का आश्वासन दिया है.
कोरोना इफेक्टः नहीं दे पाए अफीम की तोल, अब लाइसेंस कैंसिल होने की चिंता - अफीम की खेती
कोरोना काल में अफीम की तोल देर से हुई. इस दौरान कई किसानों की अफीम गर्मी के कारण घरों में ही सूख गई. ऐसे में वे निर्धारित तोल सेंट्रल नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को नहीं करा पाए. ऐसे में अब उन्हें लाइसेंस कैंसिल होने की चिंता सता रही है. हालांकि स्थानीय सांसद सुधीर गुप्ता ने मामले में केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय से बात करने का आश्वसन दिया है.
किसान लगातार देरी से एकत्र किए जाने वाले अफीम के समय मान से औसत में छूट देने और उनके लाइसेंस यथावत रखने की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के विभागीय अमले ने कोरोना संक्रमण के कारण इस बार लेबोरेटरी परीक्षण के बजाय हाथ से परख करने का भी काम किया है. इस पद्धति में निर्धारित ग्रेड न मिलने से कई किसान अपनी औसत देने से भी वंचित रह गए हैं.
इस पूरे मामले में सांसद सुधीर गुप्ता ने कहा कि इन दिनों नीमच लेबोरेटरी में किसानों की अफीम के परख का काम जारी है. वे रिजल्ट आने के बाद इस मुद्दे को लेकर सरकार के वित्त मंत्रालय और कैबिनेट से बात करेंगे. बता दें कोरोना काल में एक तरफ किसान आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कोरोना के कारण ही अब उनके लाइसेंस कैंसिल होने का खतरा मंडरा रहा है.