मंदसौर। कृषि उपज मंडी के कारोबार में शुरू हुई ऑनलाइन भुगतान की नई व्यवस्था का जिले के किसानों और व्यापारियों ने जमकर विरोध किया है. ई- बैंकिंग के पैटर्न को शुरू करने और कैश पेमेंट के चलन को कम करने की मंशा से केंद्र सरकार ने 2 महीने पहले ही सितंबर से मंडियों में नई व्यवस्था का ऐलान किया था. किसानों ने अपनी रिजर्व उपज का हाथों- हाथ पैसा ना मिलने और दूसरी तरफ बैंकों द्वारा ऑनलाइन भुगतान तत्काल ना किए जाने से व्यापारियों और किसानों ने नई व्यवस्था का विरोध किया है.
कृषि उपज मंडी में ऑनलाइन पेमेंट की नई व्यवस्था का किसान और व्यपारियों ने किया विरोध
ऑनलाइन पेमेंट की नई व्यवस्था का किसान और व्यापारियों ने विरोध किया है. किसानों ने कहा बैंकों के सुस्त रवैये के चलते पेंमेंट में 2 से 3 दिन लग जाते हैं.
मंडी बोर्ड ने कृषि उपज मंडियों में किसानों से खरीदे जाने वाले माल के मामले में नगद के बजाय ऑनलाइन भुगतान करने के आदेश जारी कर दिए हैं. इस नई व्यवस्था में व्यापारी किसानों के खातों में आरटीजीएस या एनईएफटी माध्यम से पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं. लेकिन बैंकों द्वारा दूसरे या तीसरे दिन खातों में पैसा ट्रांसफर करने से किसानों में भारी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि वह अपनी रिजर्व रखी हुई उपज को पैसे की जरूरत के वक्त ही बेचते हैं. लेकिन नई व्यवस्था से उनको हाथों- हाथ रकम नहीं मिल रही है.
किसानों ने सरकार से पहले ऑनलाइन भुगतान की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की है. मंडी बोर्ड द्वारा दिए गए सख्त आदेश में भी साफ है, कि जब तक किसानों के खाते में पैसा ट्रांसफर नहीं होगा. वह खरीदे गए माल को दूसरे व्यापारियों को नहीं भेज पाएंगे. लिहाजा बैंकिंग के ढीले कारोबार के मामले में व्यापारियों ने भी खासी नाराजगी जताई है.