मंदसौर।लॉकडाउन में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए सरकार ने मनरेगा के तहत कई काम कराने का निर्देश दिए हैं और इसके लिए फंड भी रिलीज किया गया है. लेकिन सरकारी अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार के कारण केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ मजदूरों को नहीं मिल रहा है.
मंदसौर जिले का एक ऐसा गांव है, जहां मनरेगा के तहत मजदूरों को लाभ नहीं मिल रहा है. यहां घोटाला करने के लिए मजदूरों की मौत के बाद भी उनका नाम जॉब कार्ड में नाम शामिल कर लिया गया, जिस कारण यहां के जिंदा गरीब मजदूर परेशान हैं. मामला गरोठ जनपद क्षेत्र के सेमरोल गांव का है.
इन मजदूरों को किया गया मजदूरी का भुगतान
गरोठ जनपद के सिमरोल ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड के अनुसार शिव लाल पिता उदा की मृत्यु 25 जून 2019 को हो चुकी है, लेकिन उस व्यक्ति का मजदूरी भुगतान कार्ड क्रमांक 168 में भुगतान 9 अगस्त 2020 को पंचायत ने भुगतान किया है. वहीं दूसरा व्यक्ति दिनेश पिता छगनलाल है, जिसकी मौत 16 अप्रैल 2018 को हो गई थी, इसकी भी मजदूरी का भुगतान पंचायत ने साल 2020 में कर दिया है.