भोपाल। मंदसौर मंडी में लहसुन के अच्छे दाम नहीं मिलने से खफा किसान ने मंडी में ही लहसुन में आग लगा दिया था. प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इसे कांग्रेस की साजिश बताया है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि आग लगाने वाले किसान (Congressman burnt garlic in Mandsaur grain market) कांग्रेसी थे. उधर प्याज के बीज खरीदी में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करने वाली उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को हटाए जाने पर जब कृषि मंत्री से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल कीजिए.
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किसान नहीं कांग्रेसी था लहसुन जलाने वाला
मंदसौर मंडी में एक किसान लहसुन की फसल बेचने आया था, लेकिन लहसुन के सही दाम नहीं मिलने पर नाराज हो गया और खुद ही लहसुन में आग लगा दी थी. तब वहां मौजूद किसानों ने उचित दाम नहीं मिलने पर नारेबाजी भी की थी.जब कृषि मंत्री कमल पटेल से इस बावत सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस की साजिश है, लहसुन बेचने आया किसान नहीं बल्कि कांग्रेसी था. मध्यप्रदेश में किसान की हर फसल समर्थन मूल्य से ज्यादा रेट पर बिक रही है.
अधिकारी के ट्रांसफर पर सीएम से करें सवाल
उद्यानिकी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव को हटाए जाने को लेकर कृषि मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल करें. प्रमुख सचिव प्याज खरीदी (onion seed buy scam in mp) में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही थी, विभाग के आयुक्त मनोज अग्रवाल आरोपों (onion seed buy scam through national horticulture mission) में घिरे हैं. राज्य सरकार ने आयुक्त मनोज अग्रवाल का भी ट्रांसफर कर दिया है, इसको लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सवाल उठाए थे.
तन्खा ने ट्विटर पर लिखा- अजब और गजब मध्यप्रदेश. जिस प्रमुख सचिव ने प्याज घोटाला उजागर किया, उसी को विभाग से हटा दिया गया. गजब हैं शिवराज जी आप क्या संदेश देना चाहते हैं. वह दिख रहा है. उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों के लिए प्याज का बीज खरीदा था. 2 करोड रुपए में 90 क्विंटल प्याज खरीदी गई थी. बिना टेंडर एक निजी संस्था से 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदी गई, जबकि इसके विक्रय की दर ₹1100 प्रति क्विंटल थी. इस योजना का क्रियान्वयन एमपी एग्रो के जरिए होना था, लेकिन इसे निजी संस्था से बिना टेंडर के खरीद लिया गया था, प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव ने खरीदी के भुगतान पर रोक लगा दी थी और आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगा था.