मंदसौर। नारकोटिक्स पुलिस विंग मंदसौर की अभिरक्षा में स्मैक तस्करी के आरोपी की मौत के मामले में न्यायिक जांच हो चुकी है. जांच में विंग प्रभारी, साथी आरक्षक और चिकित्सक को दोषी माना गया है. मजिस्ट्रियल जांच के बाद एसपी सिद्धार्थ चौधरी ने नारकोटिक्स विंग प्रभारी और साथी आरक्षक पर हत्या का केस दर्ज किया है. वहीं सरकारी डॉक्टर के खिलाफ भ्रामक प्रविष्टि देने के मामले में आरोपी बनाया है.
वायडीनगर थाना प्रभारी जितेंद्र पाठक के मुताबिक नारकोटिक्स पुलिस विंग मंदसौर की अभिरक्षा में सोहेल खान की मौत के मामले में विंग प्रभारी एसआई राजमल दायमा, आरक्षक प्रशांत कैथवास और वाहन चालक कमल पटेल के खिलाफ धारा 302 और 201 के तहत मामला दर्ज किया है. इसके अलावा सरकारी डॉक्टर बीएस कटारा को धारा 218 और 201 का आरोपी बनाया है.
परिजनों के यह थे आरोप
स्मैक तस्करी के मामले में 2 अप्रैल को पुलिस ने सोहेल और आसिफ को मंदसौर-प्रतापगढ़ रोड से दोपहर में हिरासत में लिया था. इस दौरान पुलिस दोनों को अपने साथ नारकोटिक्स के कार्यालय ले गए थे. टोल नाके के सीसीटीवी में एक पुलिसकर्मी सोहेल की बाइक अपने साथ ले जाते हुए कैद हुआ था. आरोप है कि विंग के पुलिसकर्मियों ने आसिफ को साढ़े 4 लाख रुपए लेकर छोड़ दिया और पैसे नहीं देने पर आसिफ को नहीं छोड़ा. अगले दिन नारकोटिक्स विंग में सोहेल की मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि सोहेल पर स्मैक तस्करी का झूठा केस दर्ज किया गया था और मारपीट में सोहेल की मौत हो गई.
मजिस्ट्रियल जांच में सही पाए गए आरोप
सोहेल की मौत के बाद शॉर्ट पीएम में डॉक्टर ने हार्ट फेल से मौत होना बताया. परिजनों के हंगामे के बाद इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच और 3 डॉक्टर्स की टीम से पोस्टमार्टम करवाने पर सहमति बनी थी. इसी मजिस्ट्रियल जांच में सोहेल के परिजनों के आरोप सही पाए गए. जांच में पाया गया कि डॉक्टर बीएस कटारा ने शॉर्ट पीएम की झूठी रिपोर्ट बनाकर दी थी.