मंदसौर।युवाओं के बीच बाइकों में तेज आवाज वाले साइलेंसर का चलन बढ़ गया है, जिससे वायु के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी बढ़ रहा है. युवा अपनी बाइक के साइलेंसर में परिवर्तन कर रहे हैं, ऐसे में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर अब यातायात पुलिस और विभागीय अधिकारियों ने इस गैरकानूनी काम की रोकथाम के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है. साइलेंसर में परिवर्तन कर उसकी आवाज तेज करने वाले मामले ज्यादातर पुरानी गाड़ियों में समाने आए हैं.
किया गया है एक्ट लागू
ध्वनि प्रदूषण के मामलों की रोकथाम के लिए प्रदेश में दो तरह के एक्ट लागू हैं, जिनके तहत यातायात और परिवहन विभाग दोषी वाहन मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करता है.
- मोटर व्हिकल्स एक्ट- 1988 के तहत ध्वनि प्रदूषण करने वाले प्रायवेट वाहन मालिकों के खिलाफ एक हजार रुपए और व्यवसायिक वाहन मालिकों के खिलाफ तीन हजार रुपये जुर्माना वसूलने का नियम है.
- इसी एक्ट की धारा- 191 के तहत कोई भी वाहन चालक अपने वाहन का साउंड परिवर्तित करने के लिए यदि कंपनी द्वारा दिए गए पार्ट्स में परिवर्तन कर उसे बदलता है, तो ऐसे दोषी वाहन मालिकों के खिलाफ भी यातायात विभाग निजी वाहन में पांच हजार रुपए और व्यावसायिक वाहन पर 10 हजार रुपए का जुर्माना वसूलता है.
जगह-जगह बनाए गए हैं चेकिंग प्वाइंट
जिले में तेजी से बढ़ रहे इस तरह के चलन पर लगाम लगाने के लिए यातायात विभाग ने कई जगह चेकिंग पॉइंट बनाकर रोजाना चालानी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. हैरानी की बात तो यह है कि, कई बाइक चालकों को इस तरह के नियमों की जानकारी ही नहीं है. वहीं दूसरी तरफ लापरवाह फोर व्हील मालिकों को भी विभाग अब उनके वाहनों के साइलेंसर और उपकरण दुरुस्त करवाने के आदेश देकर चालान काट रहा हैं.