मंडला। चिलचिलाती घूप में पानी की एक एक बूंद के लिये भटकते लोग, खाली पड़ा कुंआ, सूख चुके हैंडपंप, ये हालात जिला मुख्यालय से महज 18 किलोमीटर दूर बसे बकोरा गांव के हैं. बकोरा गांव की तस्वीर रेगिस्तान की याद दिला रही है. पानी के लिये गांव में हाहाकार मचा है. जलसंकट गहराने से यहां के युवकों की शादी नहीं हो रही है.
पानी की एक एक बूंद के लिये भटकते लोग सौ परिवार वाले बकोरा गांव में दर्जन भर से ज्यादा युवा ऐसे हैं जिनकी उम्र 32 के पार हो चुकी है. जब भी इस गांव के लोग लड़की वालों के यहां रिश्ता लेकर जाते हैं तो निराशा हाथ लगती है, गांव में पानी नहीं होने कोई भी अपनी बेटी का विवाह बकोरा गांव में करने से घरबराता है.गर्मी का मौसम आते ही यहां के जलस्त्रोत सूख जाते हैं. ग्रामीणों की शिकायत और आवेदन पर पानी की टंकी लगायी गयी, बोरिंग खोदी गयी लेकिन चार सौ फीट बोरिंग होने के बाद हैंडपंप पानी की जगह आग उगल रहा है. हालांकि जिम्मेदार पानी की आस के लिये प्रयास करने का दावा कर रहे हैं.पानी की समस्या के चलते गांव में दूसरी समस्याएं भी पनप चुकी हैं. पानी की किल्लत से लोग मजबूरन खुल में शौंच जा रहे हैं.