मंडला। जिले में मौसम का मिजाज मनमौजी हो चुका है और इसके चलते बीते करीब 15 दिनों से कभी भी बरसात हो जाती है और इसके साथ ही जो ओले कभी कभार ही देखने मिलते थे वो अब कभी भी आ धमकते हैं. बात बीते एक सप्ताह की करें तो तकरीबन हर रोज ही बेमौसम की बरसात हो रही है.
किसानों को पड़ रही दोहरी मार
एक तरफ जहां कोरोना के चलते लॉकडाउन हैं तो वहीं दूसरी तरफ बेमौसम की बरसात भी लोगों के साथ ही किसानों के लिए मुसीबत पैदा कर रही है,फरवरी के बाद से ऐसा कोई महीना नहीं गुजर रहा जब बिना मौसम की बरसात और आफत के ओले न पड़े हों.
वहीं बात बीते हफ्ते की करें तो हर रोज ही ओले और बारिश से लोग परेशान हैं. जिनमें सबसे ज्यादा चिंता उन किसानों को हो रही है, जिनकी फसलें अभी खेतों पर खड़ी हैं और पकने के इंतजार में हैं या पक चुकी हैं, लेकिन कोरोना और बेमौसम की बरसात के साथ ही ओलावृष्टि उनकी मुसीबतों को और बढ़ा रही है.
कोरोना संकट के बाद नुकसान का जायजा
फरवरी में ओलों ने जिले में भारी तबाही मचाई थी और करीब 250 से ज्यादा किसानों की फसलों को नुकसान हुआ था. जिसके बाद से लगातार कभी भी हो जाने वाली बरसात और ओलावृष्टि से हो रहे नुकसान का जायज़ा कोरोना के बाद ही संभव हो सकेगा, लेकिन ये तो निश्चित है कि इस मौसम में होने वाली बारिश न तो कोरोना के लिए ठीक कही जा सकती न ही किसानों के.