मण्डला। लॉकडाउन के चलते लगातार मजदूरों का पलायन जारी है. इसी कड़ी में तमिलनाडु में रोजी-रोटी कमाने गए 6 मजदूर 16 सौ किलोमीटर का सफर तय कर साइकिल चलाकर अपने गांव मेढ़ा पहुंचे. यह मजदूर तमिलनाडु के कॉलठौर नगर में बोर गाड़ी में काम करने गए थे, लेकिन उसी समय लॉकडाउन घोषित होने की वजह से सभी फंस गए.
8 दिनों में चलाई 16 सौ किलोमीटर साइकिल, तमिलनाडु से सफर तय कर मंडला पहुंचे मजदूर
16 सौ किलोमीटर का सफर तय कर तमिलनाडू से 6 मजदूर साइकिल के सहारे मण्डला जिले पहुंचे. लॉकडाउन के चलते सभी को रोजगार से हाथ धोना पड़ा था, जिसके बाद मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया. हालांकि इन सभी ने बचे पैसो से साइकिल खरीदर घर जाने का निश्चय किया था.
इनका ठेकेदार भी बाहर का था, जिसने मजदूरों को पूरी मजदूरी का पैसा देकर अपने-अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए कहा. हालांकि कुछ दिन तक ठेकेदार ने खाने-पीने की व्यवस्था की. इसके बाद मजदूरों ने वहीं रहकर कुछ दिनों तक खुद के पैसों से गुजारा किया, लेकिन पैसों की कमी हो जाने के बाद जीवन यापन करने में परेशानी होने लगी, जिसके चलते इन मजदूरों ने बचे पैसो से साइकिल खरीद कर अपने घरों के लिए रवाना होने का फैसला किया. यह सभी मजदूर मवई विकासखंड के परसेल ग्राम पंचायत के रहने वाले हैं. इन मजदूरों के नाम भूपेंद्र धुर्वे, प्रकाश धुर्वे, अंजू मसराम, संतोष यादव, शिवा उइके और छोटू सिंह हैं.
मजदूरों ने बताया कि 53 सौ रुपये की साइकिल ली गई. 9 मई 2020 को खरीदने के बाद एक दिन में 200 किलोमीटर साइकिल चला कर 8 दिन में 16 सौ किलोमीटर का सफर तय किया. इस दौरान चिलचिलाती धूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. घर पहुंचने से पहले जगह-जगह पर कई बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा चेकअप किया गया. कुछ जगहों पर पुलिस और सामाजिक संगठन द्वारा खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई. रास्ते में बहुत दिक्कतें आईं, लेकिन तमिलनाडु से आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र होते हुए मध्य प्रदेश के मंडला जिले में हौसले के सहारे आ ही गए. घर पहुंच कर ये सभी 6 मजदूर काफी खुश हैं. हालांकि प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर सभी को होम क्वारेंटाइन कर दिया है.