मण्डला। मध्यप्रदेश के मण्डला जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. इसके बावजूद मण्ड्ला जिले के एक गांव में लोग आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर है. मण्डला जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत माधोपुर का मारार गांव टोला गांव 170 परिवार निवास करते हैं जिनमें से 75 % घर ऐसे हैं जिनके पास शौचालय नहीं है.
स्वच्छता अभियान की खुली पोल ग्रामीण के मुताबिक गांव में शौचालय नहीं बना है इसलिए अधिकतर ग्रामीण शौच के लिए खुले में जाने को मजबूर हैं.
एक ग्रामीण महिला ने बताया कि गांव में शौचालय बनाने के लिए पिछले तीन साल से प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद भी शौचालय नहीं बना है. हालांकि ग्राम पंचायत ने शौचालय के लिए सामान तो डलवा दिया लेकिन बनाने की प्रक्रिया कब शुरु हो गई इसका पता ग्रामीणों को नहीं है.
जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि ओडीएफ के बाद एलओपी 1, एलओपी 2 शुरु कराई गई है. एलओपी 1 के तहत सभी शौचालय बनाए जा चुके हैं. एलओपी 2 के तहत जिन घरों में शौचालय बनने है उनकी प्रक्रिया जल्द शुरु कराई जाएगी.
वहीं ठेकेदार द्वारा काम लापरवाही बरतने पर जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि यदि ठेकेदार काम में लापरवाही की बात सामने आई है. तो जांच के बाद संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
जिले के सरकारी आंकड़े
स्वच्छ एमपी पोर्टल के सर्वे के अनुसार मण्डला जिले के 46 हजार से ज्यादा शौचालय अनुपयोगी पाए गए हैं जो पूर्ण नहीं हैं या फिर अधूरे हैं और इनमें लोग लकड़ी कंडे रख रहे हैं.
सर्वे के अनुसार अगर बात करें तो
* जिले में कुल घरों की संख्या 2 लाख 2 हज़ार 639 है,
* जिनमें से 1 लाख 77 हज़ार 51 घरों का सत्यापन किया गया
* 25 हजार 588 घरों का सत्यापन किया जाना शेष है लेकिन
*1 लाख 77 हज़ार 51 घरों के सत्यापन में ही 46 हजार 292 शौचालय अनुपयोगी या किसी भी काम के नहीं पाए गए।
क्या हैं कमियां
बहुत से शौचालय में सीट गायब है तो किसी में टंकी है ही नहीं, या नहीं लगाई गई,तो कहीं दरवाजे नहीं है,छत नहीं या फिर शौचालय इस हाल में ही नहीं है कि उनका उपयोग किया जा सके, दूसरी तरफ यदि शौचालय पूरी तरह बन भी गये तो उनका टैंक कम्प्लीट नहीं या फिर कनेक्शन ही नहीं हुआ है।