मंडला। जिले के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सबसे उम्रदराज बाघ में से प्रसिद्ध टी 17 मुन्ना बाघ (किंग ऑफ कान्हा) की दहाड़ अब भोपाल के वन विहार में गूंजेगी. मुन्ना यहां लगभग तेरह साल से रह रहा था.
किंग मुन्ना का नया आशियाना
मंडला के कान्हा टाइगर पार्क के पश्चिम सामान्य वनमंडल बम्हनी परिक्षेत्र के मुन्ना टाइगर को बेहोश किया, जिसके बाद इस उम्रदराज बाघ को भोपाल के लिए रवाना कर दिया गया. पार्क प्रबन्धन के मुताबिक वन्य प्राणी संरक्षण के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया था, क्योंकि कान्हा के टी 17 टाइगर की उम्र सोलह साल से अधिक हो गयी थी और बूढ़ा हो जाने के चलते ये शिकार नहीं कर पाता और दांत कमजोर और घिस जाने के कारण दूसरे जानवरों के किये जाने वाले शिकार पर निर्भर रहता था.
कोर एरिया में कम उम्र के बाघों से लड़ाई के कारण वह कई बार घायल हो चुका है. जानकारी के अनुसार लड़ने में असहाय होने के चलते वह पिछले दो सालों से बंजर नदी के किनारे राता, झांगुल, नारना, गिदली घुघरा के क्षेत्र में देखा जाता रहा. बूढ़ा और कमजोर हो जाने के कारण मुन्ना कान्हा टाइगर रिजर्व के कोर जोन को छोड़ चुका था और बफर सीमा के बाहर ही रहता था.
18 अक्टूबर को पश्चिम वन मंडल के गांव झांगुल में 14 साल की अमृता परते का जंगली जानवर ने शिकार कर लिया, जिसके बाद यहां दो जंगली सुअर के बच्चों का भी शिकार हुआ, इन घटनाओं की जहग पर मुन्ना के पद मार्क मिले थे, जिसके बाद मुन्ना की सुरक्षा के लिहाज से इसे यहां से शिफ्ट करना जरूरी हो गया था.