मंडला। जबलपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में हुई गड़बड़ी की जांच कराने का वित्तमंत्री द्वारा दिया गया भरोसा भी चुनावी वादों की तरह निकला. वित्तमंत्री ने 4 माह पहले कलेक्टर से गड़बड़ी की जांच कराने की बात कही थी, लेकिन अबतक मामले की कोई जांच नहीं हुई.
वित्त मंत्री का बयान बना चुनाव जुमला जीडीसीएल कंपनी ने वर्ष 2015 में डोभी से लेकर मंडला तक जबलपुर-रायपुर 80 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण शुरू किया था. करीब 252 करोड़ रुपये के सड़क बनाने के इस पूरे प्रोजेक्ट को 18 महीने में पूरा करना था, लेकिन 4 साल गुजर जाने के बाद भी काम अधूरा पड़ा है.
जबलपुर-रायपुर राष्ट्रीय राजमार्ग कि निर्माण में जमकर गड़बड़ी भी हुई है. मामले की शिकायत वित्तमंत्री तरुण भनोट से की गई है. लोगों की शिकायत पर वित्तमंत्री ने घटिया राजमार्ग निर्माण की कलेक्टर द्वारा जांच करने को कहा था, लेकिन चार महीने गुजर जाने के बाद भी कोई जांच नहीं हुई है.
कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया. कंपनी मजदूरों समेत सप्लायरों को समय पर पेमेंट न करने के कारण विवादों में घिरी रही, जिस वजह से कुछ महीने कंपनी को निर्माण कार्य बंद रखना पड़ा. इसी दौरान कंपनी द्वारा किये गये घटिया निर्माण की पोल खुलने लगी. डोभी से लेकर मंडला तक कंपनी ने जितना भी निर्माण किया था, उसमें जगह जगह दरारें और गड्ढे दिखाई देने लगे.
मामले की संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी दौरान 26 जनवरी को प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोट जब मंडला पहुंचे तो उनसे भी मामले की शिकायत की गई. वित्तमंत्री ने मामले की कलेक्टर से जांच करवाने की बात कही थी,लेकिन अब तक कुछ भी नहीं हुआ