मंडला।मकर संक्रांति में हवन पूजन के साथ ही गुड़ और तिल के लड्डू का भी काफी महत्व होता है. वहीं इस पर्व के समय ठंड भी पूरे शबाब पर होती है लेकिन समाजिक कार्यकर्ता सरिता अग्निहोत्री के साथ दर्जनों ऐसी महिलाएं हैं. जो त्यौहार से लेकर गरीब और लाचार के लिए ऐसे काम करती हैं जो हर किसी के लिए एक नजीर हो सकती है.
ये महिलाएं संक्रांति पर प्रदूषण नहीं होने का रखती हैं ध्यान ठंड से बचाव के लिए इन महिलाओं के द्वारा पतले कम्बल से घर पर सिलाई कर मफलर, हैंड ग्लब्स, टोपी, इनर वियर पाजामा से लेकर कुर्ते तक बनाए जाते हैं. जिनकी लागत कम होती है, वहीं महिलाओं को रोजगार भी मिलता है और जरूरतमंदों को ठंड से राहत भी मिलती है.
सामाजिक कार्यकर्ता सरिता अग्निहोत्री ने बताया कि किसी भी धार्मिक कार्यक्रम में पूजन के बाद हवन का काफी महत्व है और लोगों को ये जानकारी नहीं होती कि हवन में जिन लकड़ियों का प्रगोग किया जाता है वो 9 ग्रहों की शान्ति के लिए होता है और इसी के चलते इनके द्वारा खैर, पीपल, शमी, गूलर, चिरचिटा दूर्वा जैसी चीजों को पाउडर के रूप में या ऐसे ही मिला कर कंडे बनाए जाते हैं.
महिलाओं के बनाए हुए लाई के लड्डू ये हवन के दौरान पर्यावरण को कम प्रदूषित करते हैं, साथ ही प्लास्टिक के खिलाफ इन महिलाओं के द्वारा पुरानी साड़ी या कपड़े के थैले भी बनाए जाते हैं और ये सभी चीज़ों को बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है. साथ ही इन महिलाओं के द्वारा बाजरे और मुरमुरे के लड्डू बनाए जाते हैं कुपोषण को रोकने में भी कारगर शिद्ध होते हैं.