मंडला।आदिवासी बहुल मंडला जिले से अगर कोई खिलाड़ी 22 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्तर के तीन खेलों में अपनी पहचान बना ले, तो ये थोड़ा मुश्किल लगता है. लेकिन इस मुश्किल काम को भी कर दिखाया है मंडला की सोनिया रजक ने, जो बुशु, एथलेटिक्स और तीरंताजी जैसे खेलों में महारत रखती हैं. यही वजह है कि, सोनिया को इतने तमगे और ट्रॉफी मिल चुकी हैं, कि अब उन्हें रखने के लिए जगह भी नहीं हैं. सोनिया रजक की उम्र 22 साल है. जो अब तक पांच बार राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी की प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी हैं. जिसके नाम स्टेट और नेशनल लेवल पर कई मेडल हैं. बुशु और एथलेटिक्स में भी सोनिया दर्जनों मेडल जीत चुकी हैं.
विरासत में मिला खेल
सोनिया रजक को खेल विरासत में मिला है. उसकी मां कबड्डी की खिलाड़ी थीं और उनकी बड़ी बहन पूर्णिमा वूशु की राष्ट्रीय खिलाड़ी है. ऐसे में सोनिया की शुरुआत भी चाइनीज खेल वूशु से ही हुई. जहां उसने स्टेट के साथ नेशनल टूर्नामेंट में दर्जन भर के करीब पदक जीते. इसके बाद अचानक सोनिया का रुझान तीरंदाजी की तरफ बढ़ा और यहां भी उसने सफलता के झंडे फहरा दिए. सोनिया अब तक एक दर्जन के करीब राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में मेडल जीत चुकी हैं.
वूशु में सोनिया ने स्टेट लेवल पर जीते पदक
- 2007 भोपाल में गोल्ड मेडल
- 2008 भोपाल में गोल्ड मेडल
- 2010 भोपाल में ब्रांज मेडल
- 2001 जबलपुर में सिल्वर मेडल
- 2012 जबलपुर में गोल्ड मेडल
- 2013 इंदौर में ब्रांज मेडल
- 2014 जबलपुर में गोल्ड मेडल
- 2015 अशोकनगर में गोल्ड मेडल
- 2017 जबलपुर में सिल्वर मेडल
- 2017 भोपाल में ब्रांज मेडल
- 2019 जबलपुर में सिल्वर मेडल