मंडला। मंडला में कहावत है, 'साल में एक बार अगर पिहरी नहीं खाया तो कुछ नहीं खाया' पिहरी मशरूम की एक प्रजाति है, जिसकी मांग इन दिनों जोरों पर होती है, इसे क्षेत्रीय भाषा में पुटपुटा भी कहा जाता है. मांग ऐसी की इसकी कीमत 600 रुपये किलो से लेकर एक हजार रुपये किलो तक पहुंच जाती है. इसके बाबजूद भी इस खास मशरूम के शौकीनों की कमी नहीं है.
'साल में एक बार अगर पिहरी नहीं खाया तो कुछ नहीं खाया', जानें क्यों खास है मंडला का ये मशरूम - मशरूम की प्रजाति
मंडला में रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ ही पोषक तत्वों की भरमार वाले खास प्रजाती के मशरूम की जमकर मांग होती है. इस मशरूम की कीमत हजार रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है.
पिहरी और पुटपुटा प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर है. इसमें क्लोरोफिल नहीं होता, जिसके कारण ये हरे रंग के नहीं होते. इनकी पौष्टिकता अन्य सब्जियों के मुकाबले लगभग 23 गुना ज्यादा होती है.
जानकारों का कहना है कि इसमें रोगप्रतिरोधक क्षमता के साथ ही पोषक तत्वों की भरमार होती है, इसकी 100 से ज्यादा प्रजाती हैं, जिनमें से लगभग दर्जन भर खाने योग्य हैं बाकी जहरीली होती हैं. जिनके सेवन से लकवा, दिल का दौरा पड़ सकता है और मौत का भी कारण बन सकती हैं.