मण्डला। सालों से मिट्टी की मूर्तियां बना रहे जिले के एक परिवार ने ईटीवी भारत से अपना दर्द साझा किया है. कलाकर एक ओर जहां महंगाई की मार झेल रहे हैं, वहीं इस साल लगातार हो रही बारिश ने उनकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है. कलाकरों ने गणेशोत्सव और दुर्गाउत्सव के लिए मूर्तियां तैयार की थीं, लेकिन पिछले दिनों से हो रही बारिश के चलते मूर्तियां गल गईं, जिन्हें अब फिर से तैयार करना पड़ेगा.
इन कलाकारों ने अपना दर्द बयां करते हुए ईटीवी भारत को बताया कि उनका 55 सदस्यीय परिवार मूर्तिकला पर ही निर्भर है, लेकिन लगातार बढ़ रही महंगाई के चलते गुजर-बसर मुश्किल हो गया है. मूर्ति बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पैरा, भूसा, लकड़ी, बांस की कीमत में तीन गुणा इजाफा हुआ है, वहीं मिट्टी की ढुलाई भी महंगी पड़ रही है. इसके अलावा रंग-रोगन भी खर्चीले हो गए हैं. उन्होंने कहा कि ग्राहक जिस दाम पर मूर्तियों का ऑर्डर देकर जा रहे हैं, वो इतना नहीं कि मेहनताना और लागत दिला सके.