मण्डला। जिला मुख्यालय से 16 किलोमीटर दूर स्थित प्रथमिक शाला सुभरिया की इमारत पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुकी है. सिर्फ दो कमरों में सभी पांच कक्षाएं चलाई जा रही हैं. बच्चे डर के साए में पढ़ाई करने को मजबूर हैं, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी मात्र 16 किलोमीटर दूर बैठकर इस विद्यालय की बदहाली नहीं देख पा रहे हैं.
खंडहर में तब्दील हुई स्कूल की इमारत, 2 कमरों में चलतीं हैं 5 कक्षाएं - अधूरा शौचालय
जिले के प्राथमिक स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है. दो कमरों में पूरे स्कूल का संचालन किया जा रहा है. सभी पांच कक्षाएं इन्हीं दो कमरों में लगाई जाती हैं.
प्रथमिक शाला सुभरिया का भवन 1962 में बनाया गया था, और साल 2015 में इसे जर्जर बता कर इसकी नीलामी कर दी गयी, जिसमें खरीददार इसके सामने की लकड़ियां और दरवाजे उठा ले गया और जो बचा सिर्फ खंडहर रह गया. लेकिन स्कूली बच्चों और शिक्षकों की मजबूरी देखिए कि बीते 5 साल से ये यहीं डर के साए में पढ़ाई और अध्यापन करने पर मजबूर हैं. भवन के पीछे बड़ा सा गड्ढा है और एक नाला भी बहता है.
शिक्षकों का कहना है, कि हर मौसम में यही परेशानी बीते 5 साल से झेल रहे हैं. जिसकी शिकायत अधिकारियों को भी की गई, मुआयना भी हुआ लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. बारिश का पूरा पानी स्कूल में भर जाता है और बाकी के समय 5 कक्षाओं को 2 कमरे में बैठा कर पढ़ना पड़ता है वहीं इस स्कूल का आधा अधूरा शौचालय भी उपयोग के लायक नहीं है.