मंडला। जिले के बस स्टैंड में जरूरमंद, बेसहारा मुसाफिरों के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है. कड़ाके की ठंड में रात बिताने के लिए मिलने वाली ये नि:शुल्क सुविधा लोगों के लिए कितनी कारगर साबित हो रही है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने रियलिटी चेक किया.
कड़ाके की ठंड में मुसाफिरों के लिए कितने कारगर हैं रैन बसेरे ? देखें रियलिटी चेक
मुसाफिरों के लिए कड़ाके की ठंड में रात गुजारने के लिए बनाए गए रैन बसेरे कितने कारगर साबित हो रहे हैं, ये जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने मंडला के आश्रय स्थल का रियलिटी चेक किया.
जिले के आश्रय स्थल को नगरपालिका प्रशासन ने दीनदयाल अंत्योदय योजना के तहत संचालित किया जाता है. जहां 25 पुरुषों 6 महिलाओं के लिए पलंग की व्यवस्था की गई है. अगर इससे ज्यादा मुसाफिर आ जाएं तो 10 गद्दे भी हैं, जो जमीन पर दरियों के ऊपर बिछा दिए जाते हैं. कंबल चादर देकर मुसाफिरों को ठहराया जाता है.
ईटीवी भारत की टीम ने इस आश्रय स्थल का रियलिटी चेक किया और ये जानने का प्रयास किया कि, सच में जिन सुविधाओं और व्यवस्थाओं का दावा किया जाता है वे यहां ठहरने वाले मुसाफिरों को मिलती भी है या नहीं. रियलिटी चेक में पाया गया कि, किसी भी लॉज या फिर होटल से कहीं बेहतर साफ- सफाई और व्यवस्था यहां आने वाले मुसाफिरों को मुहैया कराई जा रही है. जहां मुसाफिर भी आश्रय स्थल की व्यवस्थाओं को लेकर संतुष्ट नजर आए.