मण्डला.जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर मोहगांव विकास खण्ड के ग्राम झंडा टोला में स्टेट लेबल फुटबॉल प्लेयर रविन्द्र परते अब अपने गांव के बच्चों को फुटबॉल की ट्रेनिंग दे रहे हैं. वहीं गांव के मैदान में फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे बच्चों के पास न तो जूते की व्यवस्था है, और न ही खेलने की सामग्री है. लेकिन अव्यवस्थाओं और गरीबी के बीच भी खिलाड़ी फुटबॉल खेलने के लिए तैयार हैं.
- मजदूरों के बच्चों में विलक्षण प्रतिभा
यूं तो मण्डला जिले से दर्जनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपना नाम कमा चुके हैं, लेकिन जिला खेल विभाग का इन खिलाड़ियों को तरासने में उनका कोई योगदान नहीं है. ग्राम चाबी झंडाटोला में क्रिकेट और फुटबॉल की ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें पर्याप्त सुविधाएं मुहैया करवाई जाए, तो अच्छा खेल सकते हैं. दरअसल गांव में रहने वाले ये बच्चे और इनका पूरा परिवार दिन भर मजदूरी करके अपना पेट भरते हैं. यही वजह है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर बच्चे बिना जूते के ही फुटबॉल का जुनून जिंदा रखे हैं. इन बच्चों को ट्रेनिंग स्टेट फुटबॉल प्लेयर रविन्द्र परते दे रहे हैं.
- उदासीनता के शिकार खिलाड़ी