मंडला। बैंड भी, बाजा भी है और साथ में लाउडस्पीकर भी, लेकिन ये कोई बारात नहीं, ये शिक्षा की अलख जगाने का वो प्रयास हैं, जिससे बच्चे घर को विद्यालय समझें और उनके माता- पिता भी घर पर ही बच्चों को पढ़ने में मदद करें. कोरोना महामारी के चलते इस सत्र में स्कूलों की शुरुआत नहीं हो पाई है और बच्चों की पढ़ाई ढेड़ महीने देर से शुरू होने का इंतजार है. जब फिर से स्कूलों में चहल-पहल होगी, तो ऐसे में बच्चों को पढ़ाई का नुकसान न हो, इसलिए 'हमारा घर, हमारा विद्यालय' अभियान की शुरुआत की गई है. जिसका उद्देश्य है कि, बच्चे घर पर ही पढ़ाई कर सकें.
साथ ही बच्चों के पालक भी घर पर ऐसा माहौल तैयार करें कि, उन्हें पढ़ाई में किसी तरह की कमी महसूस ना हो, इसलिए लाऊड स्पीकर बजाकर, बैंड बाजे के साथ बच्चों को पढ़ने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में घर- घर जाकर बच्चों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही उन्हें तिलक लगाकर यह समझाया जा रहा कि, स्कूल भले ना खुले हों, घर को ही स्कूल समझकर वे समय से पढ़ाई करें.