मण्डला। जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर पदमी गांव में रहने वाली दिगलो बाई ने अपनी जमा पूंजी को शिक्षा के लिए दान कर दिया. वे खुद तो पढ़ी-लिखी नहीं है, लेकिन शिक्षा के महत्व को समझती हैं. जिसके कारण उन्होंने अपनी जमा पूंजी सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल को दे दी है.
वृद्धा ने स्कूल में दान की जमा पूंजी, ताकि संवर से बच्चों का भविष्य
हिरदेनगर में रहने वाली दिगलो बाई की उम्र लगभग 75 साल हैं और अकेली रहती हैं इनके पति का निधन हो चुका है. इनकी कोई औलाद भी नहीं है इसके बावजूद उन्होंने अपनी जमा पूंजी को सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल को संवारने के लिए दान कर दी है.
हिरदेनगर में रहने वाली दिगलो बाई की उम्र लगभग 75 साल हैं और अकेली रहती हैं इनके पति का निधन हो चुका है. इनकी कोई औलाद भी नहीं है इसके बावजूद उन्होंने अपनी जमा पूंजी को सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल को संवारने के लिए दान कर दी है. उन्होंने एक लाख रुपये नकद यहां के प्राचार्य महासिंह ठाकुर को सौंप दिए. जिससे कि स्कूल की कच्छी छप्पर वाली छत पक्की हो सके ताकि बच्चों की पढ़ाई में मौसम के कारण कोई बाधा उत्पन्न ना हो.
स्कूल के प्राचार्य का कहना है कि विद्यालय की टूट रही छत के लिए की गई मदद ऐसे समय पर की गई है जब स्कूल को इसकी सख्त जरूरत थी. वहीं महिला के रिश्तेदार का कहना है कि बहुत कम आय के बाद भी अपने खर्चे से बचा कर वृद्धा ने पैसे इकट्ठे किये है. वहीं वृद्धआ का कहना है कि स्कूल की बुनियाद 1995 में उनके पति भरोसी ठाकुर के दिये 20 हजार रुपये से रखी गई थी. अब उनकी याद में और ग्रामीण बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया है.