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भक्तों की रक्षा के लिए खुद कन्या रूप में प्रकट हुई थीं मां नक्खी देवी, डाकुओं का किया था सर्वनाश - मंदिर

मंडला से करीब 25 किलोमीटर दूर बकौरी की ऊंची पहाड़ी पर सैकड़ों साल पुराना दुर्गा जी का मंदिर है जिसे लोग नक्खी माता के नाम से जानते हैं. इसकी खास बात यह है कि देवी की किसी ने ना प्रतिमा बनाई और ना ही इन्हें किसी ने स्थापित किया है. लोगों की रक्षा करने के लिए माता यहां खुद ही प्रकट हुई थीं.

भक्तों की रक्षा के लिए खुद कन्या रूप में प्रकट हुई थीं मां

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Published : Oct 4, 2019, 11:01 AM IST

मंडला। जिले से करीब 25 किलोमीटर दूर सैंकड़ों साल पुरानी दुर्गाजी की प्रतिमा विराजित है. यहां हर साल नवरात्रि में भक्तों का तांता लगता है. इस स्थान की कहानी और इतिहास बहुत ही रोचक है. लोगों की मान्यता है कि यहां मां से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है.

भक्तों की रक्षा के लिए खुद कन्या रूप में प्रकट हुई थीं मां


बकौरी की ऊंची पहाड़ी पर सैंकड़ों साल पुराना दुर्गा जी का मंदिर है जिसे लोग नक्खी माता के नाम से जानते हैं. खास बात यह है कि इस देवी की किसी ने ना प्रतिमा बनाई और ना ही इन्हें किसी ने स्थापित किया है. माता यहां खुद ही प्रकट हुई और अपने भक्तों का कल्याण करती आ रही हैं. कहा जाता है कि सैंकड़ों साल पहले बकौरी गांव को लूटने के उद्देश्य डाकुओं ने रात के समय यहां धावा बोला अपने भक्तों पर आती हुई आफत को देख मां खुद कन्या रूप में प्रकट हुई और जोर-जोर से आवाज लगाकर गांव वालों को आगाह करने लगी, जिसके बाद गांव के लोग आए और डाकुओं से मुकाबला कर उन्हें भागने के लिए मजबूर कर दिया.


डाकुओं ने अपने मंसूबे पर पानी फिरता हुआ देखा तो उन्होंने कन्या पर ही आक्रमण कर दिया, लेकिन इससे पहले ही माता स्वयं पत्थर की मूरत बन गईं. बौखलाए लुटेरों ने माता की नाक और एक हाथ काट दिया कहा जाता है कि इसके बाद इस माता ने अपने प्रताप से डाकुओं के दल का सर्वनाश कर दिया. माता की नाक कट जाने के बाद यहां के लोगों ने माता का नाम नकटी देवी ही कर दिया, जो धीरे-धीरे बदलता हुआ आज नक्खी देवी हो गया है.

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