Niwas Assembly Seat: एमपी के मंडला की निवास विधानसभा आदिवासियों के लिए आरक्षित है. इस विधानसभा में 60% से भी ज्यादा आदिवासी समाज रहता है. इसमें सबसे बड़ी तादाद गोंड जनजाति की है. बाकी लगभग 40% आबादी सामान्य जनजाति की है. राजनीतिक रूप से यह विधानसभा भारतीय जनता पार्टी के नेता और मंडला से सात बार सांसद रहे फग्गन सिंह कुलस्ते के परिवार के पास ही रही है. फग्गन सिंह कुलस्ते इसी विधानसभा में रहते हैं. उनका गांव जबेरा रिप्ता इसी निवास विधानसभा का हिस्सा है. भाजपा ने फग्गन सिंह कुलस्ते का मुकाबला कांग्रेस केचैन सिंह वरकड़े से था. चैन सिंह ने उन्हें करीब 11 हजार वोटों से मात दी है.
निवास सीट का सियासी समीकरण: साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भारतीय जनता पार्टी के हाथ से खिसक गई थी और यहां डॉक्टर अशोक मार्सकोले जो कांग्रेस के उम्मीदवार थे, उन्होंने रामप्यारे कुलस्ते को 30000 वोटों से हरा दिया था. जबकि रामप्यारे कुलस्ते फग्गन सिंह कुलस्ते के छोटे भाई हैं. 2003 से वे 2018 तक लगातार विधायक रहे हैं. 2003 में वे पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े थे. इन्होंने अपने निकटतम उम्मीदवार को 1000 वोटों से हराया था. इसके बाद रामप्यारे कुलस्ते लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीते. 2008 में इन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 3000 वोटों से हराया और 2013 में रामप्यारे कुलस्ते ने 10000 वोटों की लीड के साथ चुनाव जीता था, लेकिन 2018 की विधानसभा चुनाव में इस इलाके के आदिवासी वोटर में रामप्यारे कुलस्ते पर अपना भरोसा नहीं जाताया. डॉ अशोक मर्सकोले को कांग्रेस से जीतकर विधानसभा भेज दिया था.
फग्गन सिंह मैदान में:2018 की इसी हर की वजह से भारतीय जनता पार्टी निवास विधानसभा से डरी हुई है. इस डर की वजह से मंडला लोकसभा से सात बार सांसद रहे फग्गन सिंह कुलस्ते को विधानसभा का टिकट दे दिया गया है. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी अपने इस सुरक्षित सीट को गंवाना नहीं चाहती. इसलिए रामप्यारे कुलस्ते की जगह फगगन सिंह को ही मैदान में उतार दिया गया है. ऐसी संभावना लग रही है कि फगगन सिंह कुलस्ते के खिलाफ यहां मौजूदा सांसद डॉक्टर अशोक मर्सकोले की जगह कांग्रेस भूपेंद्र बरकड़े को चुनाव में उतर सकती है. भूपेंद्र बरकड़े पेशे से शिक्षक रहे हैं.
आर्थिक गतिविधि:मंडला जिले की निवास विधानसभा जबलपुर जिले की सीमा पर है. यहां मनेरी नाम का एक गांव है. जिसे औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया गया है. फग्गन सिंह कुलस्ते ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए कुछ औद्योगिक इकाइयों को यहां स्थापित करवाया है. मनेरी में जबलपुर के बहुत से उद्योगपतियों ने भी कारखाने डाल रखे हैं. इसका कुछ फायदा तो निवास क्षेत्र के गरीब आदिवासियों को मिलता है, लेकिन इसकी तुलना हम मध्य प्रदेश के बड़े औद्योगिक क्षेत्र से नहीं कर सकते. मनेरी निवास विधानसभा के ढाई लाख मतदाताओं में से मात्रा लगभग 7000 लोगों को ही रोजगार दे पता है. बाकी इस विधानसभा की ज्यादा बड़ी आबादी कृषि पर आधारित है.