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जानिए एमपी की लेडी सोनू सूद 'वंदना तेकाम' बनी किसकी मसीहा? - migrant labours in lockdown

लॉकडाउन के दौरान समाज के हर एक वर्ग को किसी न किसी रुप में मदद की दराकर है. ऐसे में अपने घर से दूर लोगों को उनके घर पहुंचाने से बड़ी मदद क्या होगी, इसी सोच के साथ मंडला जिले की वंदना प्रवासी मजदूरों की मसीहा बन गईं. वंदना ने लॉकडाउन के दौरान करीब तीन सौ मजदूरों को घर पहुंचाने का काम किया है. जानिए वंदना कैसे बनीं मजदूरों की मसीहा....

vandana tekam
मजदूरों की मसीहा

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Published : Jun 11, 2020, 11:02 AM IST

Updated : Jun 11, 2020, 1:58 PM IST

मंडला। लॉकडाउन के कारण जिले के बाहर फंसे हुए लोगों को लाना हो या फिर जिले में दूसरे प्रदेशों के फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक भेजना. समाज के लिए काम करने का उद्देश्य लिए लोगों की मदद के लिए आगे आई हैं मंडला की वंदना. वंदना तेकाम अपने खर्चे से सैकड़ों लोगों को उनके घर पहुंचा चुकी हैं. इसके साथ ही लगातार गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को मास्क बांट रही हैं और ग्रामीणों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं.

मजदूरों की मसीहा

कोरोना काल में किए गए लॉकडाउन के दौरान ऐसा वक्त आ गया था, जब अपने-अपने घर से दूर गए लोग देश के अलग-अलग जगहों में फंस गए थे और अपने घर जाने के लिए तड़प रहे थे. ऐसे में उन्हें दिन-रात सिर्फ एक ही चिंता खाए जाती थी कि कैसे भी वे अपने घर पहुंचे. उनके सामने सभी रास्ते बंद हो गए थे. ऐसे हालात में इन लोगों की फरिश्ता बनी मंडला के नैनपुर तहसील की वंदना तेकाम.

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घर से बाहर फंसे हुए लोगों के सामने जब लॉकडाउन के दौरान सब रास्ते बंद हो गए थे, ऐसे समय में नैनपुर तहसील निवासी वंदना तेकाम ने वो बीड़ा उठाया जिसके चलते न केवल सैकड़ों लोगों को दूसरे जिले या प्रदेश से अपने घरों तक लौटने का मौका मिला, बल्कि जो लोग दूसरे जिले से आकर मंडला में फंसे हुए थे, उन्हें भी उनके घरों तक पहुंचाने में वंदना ने कोई कसर नहीं छोड़ी. इस दौरान उन्होंने करीब तीन सौ लोगों को घर पहुंचाने के लिए वाहन का खर्च खुद ही वहन किया.


झारखंड पहुंचाए 32 मजदूर
वंदना तेकाम को जब पता चला कि झारखंड के 32 श्रमिक जो रेलवे का काम करने नैनपुर आए थे और लॉकडाउन के चलते उन्हें वापस जाने नहीं मिला, तो वंदना ने अपने परिचित झारखंड के पूर्व जीएम से संपर्क साधा, जिसके बाद चाईबासा सांसद गीता कोड़ा और कई लोगों से संपर्क साधते हुए सभी 32 लोगों को प्रदेश की सीमा तक पहुंचाने का काम किया. इस नेक काम में वंदना को और लोगों का भी सहयोग मिला. इसके अलावा वंदना जरूरतमंदों तक हाल-फिलहाल जरूरत की चीजें, मास्क, सैनिटाइजर बनाने का सामान पहुंचाने का काम कर रही हैं. सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता लाने और गांव-गांव तक शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने का काम लगातार जारी है.

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समाज सेवा के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करना लक्ष्य
वंदना तेकाम का कहना है कि मन मे इरादे हों तो आप जिस समाज का हिस्सा हैं, उसे बहुत कुछ दे सकते हैं और यदि समाज की सच्ची सेवा करना है तो सबसे पहले ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों के लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. जब उनमें स्वास्थ्य, शिक्षा और खुद की जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता का संचार होगा तो अपने आप ही मजबूत समाज का निर्माण होगा. इसी सोच के साथ वंदना हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहती हैं.

मास्क बांटना अब भी जारी
फिलहाल अनलॉक 1.0 चल रहा है और सरकार की तरफ से बहुत-सी रियायतों के साथ ही घरों तक लौट रहे लोगों के लिए वापस आने-जाने की पूरी व्यवस्था की जा रही है. लेकिन अभी भी पूरी तरह से आवागमन शुरू नहीं होने के चलते स्थानीय स्तर पर लोगों की मदद के साथ गांवो में जाकर मास्क बांटना और लोगों को कोरोना महामारी के प्रति जागरूक करने का सिलसिला वंदना ने जारी रखा है, वंदना कि कोशिश है कि कोरोना काल में कोई भी अपनों से दूर या किसी वजह से परेशान न रहे.

Last Updated : Jun 11, 2020, 1:58 PM IST

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