मण्डला। जिले में गर्मी बढ़ने के साथ आगजनी की घटनाओं में इजाफा देखा जा रहा है, लेकिन जिले में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी साफ-साफ नजर आ रही है. मण्डला में हर एक फायर स्टेशन के फासले की बात करें तो इनकी दूरी अधिक्तम 60 किलोमीटर के करीब है. जिले में नारायणगंज और मोहगांव ऐसी दो बड़ी जगह हैं. जहां फायर स्टेशन नहीं होने से कई बार आगजनी की घटना बढ़ जाती है.
मण्डला में आग बुझाने के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी सुरक्षा इंतजामों की बात जाए तो जिले भर के अधिकतर फायर स्टेशन ऐसे हैं जिनमें फायर मैन के पास सेफ्टी सूज और आग से बचाव की यूनिफॉर्म उपलब्ध ही नहीं है, सिर पर लगाने वाले हेलमेट की क्वालिटी भी मजदूरों को दिए जाने वाले हेलमेट जितनी है, वहीं मास्क और आक्सीजन सिलेंडर के आभाव से भी लगभग सभी फायर स्टेशन जूझ रहे हैं.
मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश बाघमारे ने बताया कि आगजनी से निपटने के लिए तो जिले में मण्डला नगर पालिका बेहतर काम करती है. हमारे पास दो फोम फायर हैं जो ज्वलनशील पदार्थ और शॉर्ट सर्किट से लगी आग को काबू पाने के लिए काम करती है. दो वॉटर गाड़ी हैं, एक रेस्क्यू वाहन हैं जो दोनों ही स्थिति में काम आते हैं. इसमें तीन शिफ्ट में 18 कर्मचारी काम करते हैं. जो किसी भी आगजनी की घटना पर काबू पाने के लिए मुस्तैद रहते हैं.
आगजनी की घटना की जानकारी पर बोलते हुए मुख्य कार्यपलान अधिकारी ने कहा कि हमे अक्सर इस प्रकार की सूचना संबंधित थानों से या फिर व्यक्ति विशेष से घटना की जानकारी मिलती है. ग्रामीण इलाकों में आगजनी की सूचना पर 101 फायर डायल के माध्यम से सूचनी मिल जाती है और शहरी क्षेत्रों में थानों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हो जाती है. भीषड़ आगजनी की घटना में हमारे पास तीन फायर किट उपलब्ध हैं. जो आग में रहकर किसी भी व्यक्ति को बचा सकता है.