MP में अजगरों की बस्ती, दीदार के लिए उमड़ी भीड़ मंडला।मध्य प्रदेश के मंडला जिले में एक ऐसा स्थान है जहां अजगरों की पूरी बस्ती है. यहां एक साथ दर्जनों की संख्या में अजगरों का दीदार किया जा सकता है. इसे मध्य प्रदेश का सर्प लोक भी कहा जाता है. अजगरों के आशियाने को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन इंसानी दखल के चलते अजगरों को अनुकूल परिस्थितियां नहीं मिल पा रहीं हैं. यहां सैकड़ों की संख्या में एक साथ रहकर अजगर मदमस्त नजर आते हैं. कान्हा नेशनल पार्क के पास ही यह अजगर लोक हैं. कई वर्षों से इस स्थान को पर्यटन स्थल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन इस ओर शासन प्रशासन का ध्यान नहीं गया.
पर्यटकों को आकर्षित करते अजगर: इस पथरीले इलाके में हर साल जाडे के दिन एक दो नहीं बल्कि, सैकड़ों अजगर अपने बिलों से बाहर निकल आते हैं. 1 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में पत्थर और मिट्टी के बने छेदों से निकलते अजगर आम ग्रामीणों के अलावा पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. बताया जाता है कि, ठंड के दिनों में जब तापमान निरंतर गिरावट में होता है तो इन सैकड़ों अजगरों को अपने शारीरिक तापमान को संतुलन बनाए रखने के लिए बाहर आना पड़ता है. लंबे समय के लिये ये बाहर गरम पत्थरों में ये धूप सेंकते देखे जा सकते हैं.
धूप में निकल रहे अजगर:वन विभाग ने इनके संरक्षण के लिए इलाके में कुछ काम तो कराया है, लेकिन सूची 1 में दर्ज अजगर की सुरक्षा के लिए ये काम नाकाम साबित हो रहा है. मंडला जिला मुख्यालय से महज 29 कि.मी. दूर और कान्हा नेशनल पार्क से लगभग 30 किलोमीटर दूर रायपुर मार्ग के अंजनिया से लगे इलाके में अजगर दादर नाम के क्षेत्र में प्राक्रतिक रूप से हर साल ठंड के दिनों में अजगरों को एक साथ समूह में धूप सेंकते देखा जा सकता है.
मध्य प्रदेश के अनूठे सर्पलोक (Snake World of MP) में इंसानी दखल
अजगरों के लिए यह माकूल स्थान:पथरीले इलाके में चूहों का बहुतायत और लंबे क्षेत्र में पत्थर और मिट्टी का होना अजगरों के लिए यह माकूल स्थान है.यहां प्राक्रतिक तरीके से सैकडों अजगर रहते है. ग्रामीणों का मानना है कि, इस गांव का नाम भी इन्हीं अजगरों से पड़ा है. यहां प्रतिवर्ष सैकडों पर्यटक भी पहुंचते हैं, लेकिन पर्यटन की दृष्टि से कोई कार्य नहीं किया गया है. कान्हा नेशनल पार्क में इन दिनों पर्यटकों की भारी भीड है. जनवरी के महीने में अवकाश के कारण यहां पर्यटकों का आना जाना रहता है. यदि अजगर दादर को पर्यटन केंद्र की तरह विकसित किया जाए तो पर्यटकों के लिए एक और स्थान निर्मीत होने के साथ अजगरों की सुरक्षा भी होगी.