मंडला।मध्य प्रदेश में मानसून के दस्तक देते ही मंडला जिले के किसान अपने खेती में बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं. मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र पर भी मान्यता रखते हैं. जिसमें यह लोग पता लगाते है कि आगामी सीजन में कितनी बरसात होगी और अनाज की बुवाई कब और कैसे करनी होगी.
- ज्योतिष शास्त्र पर किसानों का भरोसा
एमपी में सामान्यतया 15 जून के करीब बारिश की शुरुआत होती है, लेकिन इस साल जून के पहले हफ्ते में ही पूरे प्रदेश में बारिश होने लगी है. जिस वजह से किसान खेतों की बुवाई में जुट गए हैं. मानसून की शुरुआत और बुवाई के काम के बीच किसान असमंजस में है कि धान, मक्का, सोयाबीन और अरहर जैसी फसलों की बुवाई कौन से समय में करना सही होगा. वहीं, किसानों को डर है कि कहीं जल्दी बुवाई करने से उन्हें कोई नुकसान न हो जाए.
- मृगशिरा नक्षत्र में बुवाई से धरती उगलती है सोना
मंडला जिले के कई किसान ज्योतिष शास्त्र को मानते हैं और ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, मृगशिरा नक्षत्र में की जाने वाली बुवाई सबसे अच्छी साबित होती है. यह एक ऐसा नक्षत्र है जिसमें यदि किसान अपनी फसलों की बुवाई करता हैं तो निश्चित ही उनकी जमीन सोना उगलती है. एमपी में मानसून आने से पहले प्री मानसून बारिश भी होती है जो किसानों के खेतों में जुताई, बखरोनी और उगने वाले खरपतवारों को नष्ट कर जमीन को बुवाई के लिए तैयार करने के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होती है. प्री मानसून बारिश के कुछ दिन बाद मानसूनी बारिश होती है और ऐसे में मौसम खुलते ही अच्छी धूप और बारिश से पौधे बड़े होते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मृगशिरा नक्षत्र में किसानों को अपने खेतों में अनाज की बुआई कर देनी चाहिए.
- 8 जून से 22 जून तक है सबसे अच्छा समय
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार 8 जून से मृगशिरा नक्षत्र की शुरुआत हो चुकी है यह 22 जून तक रहेगा. इस नक्षत्र में खास कर धान की बुवाई सर्वाधिक उत्तम मानी जाती है जबकि किसान चाहें तो हर तरह के अनाज की बुवाई इस नक्षत्र में कर सकते हैं. इसके कारण उन अनाजों का अंकुरण सही समय पर होता है. इस नक्षत्र में पैदा होने वाले पौधे मजूबत होते हैं इस लिए किसानों की बुवाई के लिए यह सबसे अच्छा समय है.