मंडला। जिले के धर्मपूरी गांव में हमने ये तो आपको बताएं की कैसे ग्रामीण अंचलों में जानकारी के अभाव में महिलाओं को ये तक नहीं पता की पैड होता क्या और कपड़ा इस्तेमाल करने से क्या बीमारियां हो सकती है. वही पूर्व सीएम शिवराज सिंह के कार्यकाल में शुरु हुई उदिता योजना के बारे में भी लोगों को जानकारी नहीं हैं.जिससे कही ना कहीं महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की विफलता को दर्शाती है वहीं जिले में अनेक आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य विभाग के एएनएम कार्यकर्ता होने के बावजूद लोगों में जागरुकता का अभाव है.
क्या कहते हैं जानकार-
डॉ रूबीना भिंगारदिवे जो कि महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं उनका कहना है कि महिलाओं में जागरूकता के आभाव के चलते जननांगों की बीमारियां देखी जाती हैं. माहवारी के दौरान साफ सफाई न रखना के कारण ट्यूमर और बच्चादानी के कैंसर तक इन महिलाओं में देखे जाते हैं. वहीं माहवारी के बाद सफेद पानी का निकला नॉर्मल सी प्रक्रिया है लेकिन यह भी निश्चित मात्रा में हो तब तक ठीक है लेकिन ज्यादा होने के साथ ही बहुत दिनों तक होना या उसमें बदबू आना किसी बड़ी बीमारी की तरफ इशारा करता है . माहवारी के दौरान खून की मात्रा 50 मिलीलीटर से 200 मिली लीटर तक हो सकती है. लेकिन इसका भी कम या ज्यादा होना खतरनाक हो सकता है .
अनीता सेनगोत्रा जो कि महिलाओं को जागरूक करने के लिए बीते 12 सालों से काम कर रही हैं उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं की को तो छोड़िए लड़कियों को भी पैड के बारे में जानकारी नहीं है जबकि हर गांव मे आंगनबाड़ी हुआ करती है. अनीता बताती हैं कि महिलाएं ही इस विषय पर बात करने से कतराती हैं और आज भी पुरानी सोच और परमपराओं में दब कर जो चला आ रहा है उसे ही आगे बढ़ा रही हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े-