मण्डला। जिले में मक्के की पैदावार बुहत ज्यादा मात्रा में होती है और यहां कि कृषि भूमि मक्के के लिए आदर्श मानी जाती है. यहां का हर किसान मानसून सीजन की फसल में मक्का जरूर लगता है, लेकिन सरकार ने कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीदी जाने वाली फसल में इसे स्थान नहीं दिया है वहीं जिले का हर एक किसान मक्के की खेती जरूर करता है लेकिन कृषि उपज मंडी में सरकार इसे खरीदती नहीं है. जिसे लेकर जिले के किसान काफी नाराज़ है और उन्होने कहा है कि यदि एक हफ्ते में मक्के की फसल सरकार के द्वारा खरीदने पर फैसला नहीं लिया गया तो वे आन्दोलन करेंगे.
समर्थन मूल्य को लेकर किसान नाराज, सरकार को दी आंदोलन की चेतावनी - mandla news
मण्डला में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल को लेकर किसानों में भारी असंतोष है और साथ ही सरकार के द्वारा बाजरे की फसल नहीं खरीदे जाने पर किसानों ने आन्दोलन करने की चेतावनी दी है.
वहीं अन्नदाताओं का कहना है कि सरकार के द्वारा बाजरे की फसल को समर्थन मूल्य में मण्डला जिले की लिस्ट में जोड़ा गया है. जबकि बाजरे कि फसल जिले का एक भी किसान नहीं लगाता और यह सरकार की किसान विरोधी नीति है. जो किसानों के द्वारा मक्के के उत्पादन की अनदेखी की जा रही है, जिससे मजबूरी में किसान अनाज खरीदने वाले बिचौलियों को देगा जिसे वे कम कीमत पर खरीद कर किसानों का शोषण करेंगे और खुद मोटी कमाई करेंगे.
बता दें कि मण्डला जिले में समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली फसल को लेकर किसानों में भारी असन्तोष है. जिससे जिले में पहले किसान से 42 रूपए प्रति क्विंटल धान एक हेक्टेयर के हिसाब से ली जाती थी और अब उसे भी कम कर के 26 क्विंटल कर दिया गया है.
वहीं किसानों की मांग पर कलेक्टर जगदीश चंद्र जटिया ने कहा कि सरकार से चर्चा कर इस समस्या से उन्हें अवगत कराने के साथ ही मक्के की सोसायटी और उपज मंडी में खरीदी को लेकर किसानों के पक्ष में कोई फैसला किया जाएगा.