मण्डला। जिले में रहने वाले आदिवासी किसान अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बाजार पर निर्भर नहीं रहते, बल्कि वे जरूरतों का विकल्प भी खोज लेते हैं. ये लोग अपने आसपास की चीजों से ही अपनी जरूरतें पूरी कर लेते हैं.घर की दीवारों की पुताई के लिए यहां के आदिवासी चूने के बदले जंगल के भीतर छोटी बड़ी खदानों से निकली सफेद चूने के जैसी मिट्टी का इस्तेमाल करते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के लिए मिट्टी और जंगल का बड़ा महत्व है. रोजी रोटी से लेकर इनकी हर जरूरत यहीं से पूरी होती है, कृषि के उपकरण बनाना या फिर रहने के लिए घरों का निर्माण और उस घर की देख- रेख सभी मिट्टी और जंगल से ही पूरी होती है.