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कमलनाथ सरकार ने खुद दिया किसान को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र, फिर भी सोसायटी वसूल रही कर्जा

मंडला जिले के केहरपुर में एक किसान का कर्जमाफ होने के बाद भी उसे खाद बीज नहीं मिल रहा है. जबकि किसान को कर्जमाफी का प्रमाण पत्र भी मिल गया है. लेकिन सोसायटी यह मानने के तैयार नहीं है कि किसान का कर्जमाफ हो गया है.

कर्जमाफ होने के बाद भी किसान परेशान

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Published : Nov 25, 2019, 11:34 PM IST

मंडला। मध्य प्रदेश में अधूरी कर्जमाफी की एक और तस्वीर सामने आई है. मंडला जिले के केहरपुर गांव में एक किसान को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र मिलने के बाद भी सोसायटी से उसे खाद बीच नहीं मिल रहा है. सोसायटी का कहना है कि किसान पहले अपना पुराना कर्ज चुकाए तभी उसे खाद बीज दिया जाएगा.

कर्जमाफ होने के बाद भी किसान परेशान

केहरपुर में रहने वाले किसान राजेश जाट ने कुछ समय पहले मर्यादित सोसाइटी केहरपुर से 35 हजार रुपये का कर्ज लिया था. जिसे कमलनाथ सरकार के द्वारा जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत माफ कर दिया गया. किसान को फसल ऋण माफी का पत्र भी एक मार्च को मिल गया.

अब किसान राजेश जाट का कहना है कि जब वो आदिमजाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित केहरपुर में दोबारा से खाद बीज नहीं दे रही है. सोसायटी के अधिकारियों का कहना है कि पहले पुराना कर्जा चुकाओ इसके बाद खाद बीज दिया जाएगा. किसान का कहना है कि सरकार के द्वारा दिये गए प्रमाणपत्र को दिखाने के बाद भी अधिकारी कर्मचारी यह बात नहीं मान रहे हैं कि उसका कर्जमाफ कर दिया गया है.

किसान का कहना है की कर्ज माफी के पत्र के अलावा उनके मोबाईल पर भी कर्जमाफी का मैसेज आ चुका था. लेकिन जिस 35 हजार 367 रुपये की माफी का प्रमाणपत्र लिए वे घूम रहे उसकी कोई पूछ परख ही नहीं हो रही है. किसान का कहना है कि खाद-बीज नहीं मिलने से उसे लगातार परेशान होना पड़ रहा है.

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