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लॉकडाउन: कान्हा नेशनल पार्क में छाई वीरानी, आर्थिक संटक से जूझ रहे होटल, लॉज और गाइड - Kanha National Park Mandla

लॉकडाउन के चलते कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में सन्नाटा और बेरोजगारी का आलम है. लॉज संचालक, गाइड और जिप्सी वाले सभी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में सभी ने सरकार से उम्मीद जताई है कि, सुरक्षा नियमों के साथ नेशनल पार्क को खोलने की अनुमति दी जाएगी.

Employees are unemployed in Kanha National Park due to lockdown in mandla
शैलानियों से गुलजार नेशनल पार्क में छायी विरानी

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Published : May 30, 2020, 10:42 AM IST

Updated : May 31, 2020, 2:16 PM IST

मंडला।लॉकडाउन 4.0 में बहुत सी राहत मिलने के बाद अब लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है, लेकिन कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में अब भी सन्नाटा और बेरोजगारी का आलम है. इस समय नेशनल पार्क का पीक सीजन होता है, लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. लॉकडाउन नहीं होता, तो यहां का नजारा कुछ और ही होता. इस टाइगर रिजर्व में देशी- विदेशी पर्यटकों की हलचल रहती है.

शैलानियों से गुलजार नेशनल पार्क में छायी विरानी

बीते दो माह से ज्यादा समय हुआ, जब विश्व प्रसिद्ध कान्हा टाइगर रिजर्व में सब कुछ थम गया है. हजारों देशी और विदेशी शैलानियों से गुलजार रहने वाले पार्क में वीरानी छाई हुई है. जो उन लोगों के लिए मुसीबत का सबब बनती नजर आ रही है, जिनकी रोजी-रोटी सिर्फ और सिर्फ नेशलन पार्क में आने वाले पर्यटकों से चलती थी. कान्हा नेशलन पार्क के खटिया गेट में जब ईटीवी भारत की टीम पहुंची, तो यहां सिर्फ सन्नाटा पसरा हुआ था. इतिहास में कभी कान्हा इतना खामोश नहीं रहा, इस पार्क में तकरीबन 80 छोटे बड़े होटल या लॉज हैं. जिन पर ताला लटका हुआ है और गाइड से लेकर जिप्सी वाले सब बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं.

लॉज में लगे ताले

हलाकान है लॉज संचालक

कान्हा नेशनल पार्क के लॉज से लगभग 4 से 5 हजार परिवारों को रोजगार मिलता हैं, यहां करीब 80 छोटे बड़े होटल है, जहां हर लॉज में 20 से अधिक लोग काम करते थे. इसके साथ ही कई तरह की दुकानें विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने की वजह से यहां पर संचालित की जाती हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सभी पर ताला लटका हुआ नजर आ रहा है. लॉज में गाजरघास और गंदगी ने डेरा जमा लिया है. साथ ही रेस्टोरेंट की कुर्सी टेबल और दूसरे सामान धूल खा रहे हैं. होटल संचालकों का कहना है कि, मेंटेनेंस से लेकर बिजली का बिल भरना भी अब दुस्वार हो रहा है.

कुर्सी टेबल खा रहे धूल

गाइड हुए बेरोजगार

नेशनल पार्क में आने वालों को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही वन्य जीव और कान्हा की शान टाइगर का दीदार कराने वाले गाइड भी बेरोजगार हो गए हैं. गाइड का काम करने वाले तमाम लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. क्योंकि जब से इन्होंने गाइड का काम शुरू किया, दूसरे रोजगार से उन्हें वास्ता ही नहीं पड़ा और लॉकडाउन ने उनकी ऐसी हालत कर दी है कि, आने वाले समय मे बच्चों की पढ़ाई- लिखाई और परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल होता नजर आ रहा है.

गाइड से लेकर जिप्सी वाोलों पर बेरोजगारी की मार

गाइड हों, होटल संचालक या फिर जिप्सी वाले सभी को अब सरकार से उम्मीद है कि, जिस तरह से दुकानें खोली जा रही हैं, वैसे ही अब पर्यटन को भी कड़े नियमों के साथ खोल देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो तीन महीने के लॉकडाउन और बरसाती सीजन में करीब तीन महीने बंद रहने वाले नेशनल पार्क के सहारे रोजी- रोटी कमाने वालों के हालात बहुत ज्यादा खराब हो सकती है.

Last Updated : May 31, 2020, 2:16 PM IST

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