मंडला। उड़ीसा से चल कर छत्तीसगढ़ होते हुए मंडला पहुंचे दो जंगली हाथी जिले के साथ ही सिवनी और नरसिंहपुर में लगातार उत्पात मचा रहे थे. इन में से एक की मौत पहले ही हो चुकी है. दूसरा हाथी जिसका नाम राम है उसे रविवार को कान्हा टाइगर रिजर्व के परसाटोला से रेस्क्यू किया गया है. रविवार को छह हाथियों की मदद से 'राम' (हाथी )को ट्रैस किया गया था. इसके बाद ट्रेंक्यूलाइज कर उसके पैरों को जंजीर से बांध गया. सोमवार को परीक्षण कर हाथी को किसली परिक्षेत्र के हाथी कैंप किसली बाड़े (क्राॅल) में रखने की कार्रवाई की जाएगी.
27 नवंबर को जबलपुर के बरगी में एक हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी. तब से दूसरे हाथी की सुरक्षा और जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उसे पकड़ने के निर्देश प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा दिया गया था. साथी के मौत के बाद हाथी (राम) जबलपुर से मंडला जिले के वनक्षेत्र से गुजरते हुए 3 दिसंबर को कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर जोन में देखा गया था. जिसके बाद वन विभाग की टीम लगातार हाथी पर नजर बनाए हुए थे.
4 दिसंबर को हाथी की उपस्थिती कान्हा टायगर रिजर्व के परिक्षेत्र के परसाटोला वनक्षेत्र में पाया गया. इस पर लगातार निगरानी रखी जा रही थी, लेकिन प्रत्यक्ष दर्शन न होने से इसको पकड़ने की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. 6 दिसम्बर को फिर उसी क्षेत्र में हाथी के पगमार्क पाये जाने पर 6 विभागीय हाथियों की सहायता से वनक्षेत्र में खोजबीन की गयी. जिसके बाद 11 बजे जंगली हाथी की उपस्थिति प्रत्यक्ष रूप से परसाटोला के वनक्षेत्र में सुनिश्चित होने के बाद 3.30 बजे छह हाथियों की मदद राम (हाथी) का रेस्क्यू किया गया. इस दौरान वन्यप्राणी चिकित्सक डाॅ. संदीप अग्रवाल और डाॅ. अखिलेश मिश्रा मौजूद रहे.