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मंडला में परिचर्चा बैठक का किया गया आयोजन, बसनिया बांध परियोजना पर हुई चर्चा - basania dam project in mandla

डिंडोरी में बनने जा रहे बसनिया बांध परियोजना को लेकर मंडल जिले में परिचर्चा बैठक आयोजित की गई, जिसमें दोनों जिलों के ग्रामीण उपस्थित रहे.

Discussion meeting organised
परिचर्चा बैठक का आयोजन

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Published : Oct 1, 2020, 4:14 PM IST

मंडला। डिंडोरी जिले की भूमि पर बनने जा रहे बसनिया बांध परियोजना के विषय में विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले द्वारा चकदेही गांव में परिचर्चा बैठक आयोजित की गई, जिसमें मंडला और डिंडोरी जिले के 31 गांव के ग्रामीण एकत्रित हुए.

बसनिया बांध परियोजना पर परिचर्चा बैठक का किया गया आयोजन

इस दौरान बैठक में विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले ने कहा कि, विकास के नाम पर कान्हा, बरगी बांध, मनेरी, हालोन, चुटका जैसे विकास परियोजनाओं से लोगों को उजाड़ा गया है. पुनर्वास और जमीन मुआवजा के नाम पर केवल ठगा गया है, जबकि अन्य प्रदेशों में मुआवजा राशि का भुगतान 20 गुना ज्यादा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, अब कम से कम विस्थापन और प्रभावितों को लाभ में हिस्सेदारी के तहत परियोजना कार्य को आगे बढ़ने दिया जाएगा. प्रभावितों को जमीन के बदले जमीन और मकान के बदले मकान दिया जाए.

इस दौरान उन्होंने उपस्थित प्रभावित समुदाय को कहा कि, कोई भी ग्राम सभा इस परियोजना पर अपनी सहमति प्रदान नहीं करें. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र होने के चलते सरकार को प्रभावित गांव को समस्त जानकारी देकर विश्वास में लेना चाहिए था, जो अब तक नहीं हुआ है. बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के राज कुमार सिन्हा ने कहा कि, नर्मदा घाटी में 29 बड़े बांध प्रस्तावित हैं. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है.

03 मार्च 2016 को विधायक जितेंद्र गहलोत द्वारा नर्मदा नदी पर बनने वाले बांधों के एक सवाल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखित में जवाब दिया था कि, ‘राघवपुर, रोसरा और बसनिया बांध नए भूअर्जन अधिनियम से लागत में वृद्धि होने, अधिक डूब क्षेत्र होने, डूब क्षेत्र में वन भूमि आने से असाध्य होने के कारण निरस्त की गई है.’ हालांकि बांध निरस्त होने के बाद ऐसी क्या मजबूरी थी कि प्रदेश सरकार ने दोबारा इस परियोजना की प्रशासकीय और वित्तीय स्वीकृति दी, जहां ग्राम सभा को इस निर्णय से वंचित रखा गया.

कार्यक्रम में एक प्रस्ताव पारित किया गया कि, प्रभावित गांव के प्रमुख प्रतिनिधियों को मिलाकर एक कार्य समिति का गठन किया जाए. बसनिया बांध परियोजना के अन्य विकल्पों और लाभ- हानि का अध्ययन किया जाए. इस परियोजना की समस्त जानकारी हिन्दी और सरल भाषा में लेने के लिए ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर सबंधित कलेक्टर को पत्र दिया जाए. इस तरह के संवाद कार्यक्रम अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी आयोजित किए जाएं. गठित कार्यसमिति की बैठक प्रत्येक माह की जाए.

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